स्व. राजेश यादव के आश्रितों को नहीं लौटाई गई हिस्सेदारी, रकम मांगने पर हर बार टालता रहा आरोपी

बिलासपुर। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी माने जाने वाले केके श्रीवास्तव के खिलाफ अमलतास कॉलोनी के निर्माण के दौरान ठगी और भरोसा तोड़ने का बड़ा मामला सामने आया है। पीड़ित रत्ना यादव ने सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि श्रीवास्तव ने उनके पति स्व. राजेश यादव के साथ पार्टनरशिप में कॉलोनी का निर्माण शुरू किया था, लेकिन पति की मौत के बाद निवेश की रकम और लाभ का हिस्सा नहीं लौटाया गया।

साझेदारी में शुरू किया गया था कॉलोनी प्रोजेक्ट
रत्ना यादव के मुताबिक, उनके पति राजेश यादव और केके श्रीवास्तव अच्छे मित्र थे और दोनों ने मिलकर नर्मदा नगर के पास अमलतास कॉलोनी की योजना बनाई थी। जमीन और पूंजी दोनों ने बराबरी में लगाई थी। यह काम 2020-21 के आसपास शुरू हुआ और अच्छी कमाई भी हुई।

पति की मौत के बाद श्रीवास्तव ने तोड़ दिया भरोसा
13 दिसंबर 2015 को राजेश यादव की मृत्यु हो गई। इसके बाद श्रीवास्तव ने उनके घर आकर समाज के लोगों के सामने कहा था कि जो भी लाभ होगा, वह स्व. यादव के हिस्से के अनुसार उनके परिजनों को देगा। लेकिन इसके बाद न तो एक करोड़ की रकम दी गई और न ही बंधक जमीन का भुगतान किया गया।

8 करोड़ का मुनाफा, फिर भी नहीं दी हिस्सेदारी
शिकायत के अनुसार, केके श्रीवास्तव ने कॉलोनी की जमीनें बेचकर लगभग 8 करोड़ रुपए कमाए। मगर राजेश यादव के परिजनों को इसका एक भी हिस्सा नहीं दिया गया। पीड़िता ने जब-जब रकम मांगी, तब-तब श्रीवास्तव ने टालमटोल किया। वह कभी कहता कि जमीन बिक नहीं रही, कभी कहता कि खरीदार नहीं मिल रहा।

आधा प्लॉट या नामांतरण की मांग भी ठुकराई
रत्ना यादव ने अनुरोध किया कि अगर पैसे नहीं हैं तो आधा प्लॉट दे दें या उनके रिश्तेदार के नाम पर बेच दें, लेकिन श्रीवास्तव ने वह भी नहीं किया। इस तरह यादव परिवार को हर महीने लाखों रुपए का ब्याज नुकसान भी हो रहा है।

FIR दर्ज, पुलिस कर रही जांच
शिकायत की जांच के बाद सिविल लाइन पुलिस ने केके श्रीवास्तव के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस अब पूरे मामले की पड़ताल कर रही है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here