बिलासपुर। आपसी राजीनामे से अदालती केस सुलझाने के लिए निरंतर किये जा रहे प्रयासों के तहत आज प्रदेश भर में लोक अदालतों की 194 खंडपीठ लगाई गईं  जिनमें चेक बाउन्स के 16 करोड़ 61 लाख से अधिक के अवार्ड पारित किये गए। इसी तरह इन पीठों में 134 पारिवारिक मामलों का निराकरण किया गया।

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एवं छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा के निर्देश पर राज्य में विशेष वृहद लोक अदालतों का आयोजन 16 नवंबर को किया गया था। इसमें चेक बाउन्स (धारा 138 लिखत परकाम्य अधिनियम (चेक बाउंस) के कुल 888 मामलों का निराकरण किया गया। इन मामलों में कुल 16 करोड़ 61 लाख 63 हजार 77 रुपये का अवार्ड पारित किया गया। सर्वाधिक 490 प्रकरण जिला न्यायालय रायपुर के थे, जहां नौ करोड़ 65 लाख रुपये के अवार्ड पारित किये गए।

इन लोक अदालतों  में 134 पारिवारिक मामलों का निराकरण भी किया गया। इनमें भी 31 हजार 500 रुपये का अवार्ड पारित किया गया। एक प्रकरण में रायपुर की कुटुम्ब न्यायालय में सात घंटे तक चली समझाइश के बाद पति ने पत्नी को चार हजार रुपये मासिक भरण पोषण के लिए देने पर सहमति दी।

इस तरह से एक ही दिन में 1022 प्रकरणों का निराकरण विशेष वृहद लोक अदालत में कर लिया गया।

 

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