बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 18 साल पुराने बिजली तार चोरी और संपत्ति नुकसान मामले में अहम फैसला सुनाया है। अदालत ने दोनों आरोपियों की दोषसिद्धि को बरकरार रखा, लेकिन उनकी सजा को पहले से भुगती गई अवधि तक सीमित कर दिया। दोनों आरोपी पहले ही 13 दिन जेल की सजा काट चुके हैं।
मामला 24 सितंबर 2006 की रात का है, जब तखतपुर क्षेत्र में 33,000 वोल्ट लाइन का करीब 500 मीटर तार चोरी कर लिया गया था। मौके से बिना नंबर की सफेद गाड़ी बरामद हुई, जिसमें आरोपी ताहिर खान बैठा मिला। गाड़ी से तारों का बंडल भी मिला। पूछताछ में सह-आरोपी साबिर खान और अन्य का नाम सामने आया। चोरी की कुल कीमत करीब 17,500 रुपये आंकी गई थी।
स्पेशल जज (इलेक्ट्रिसिटी एक्ट) एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बिलासपुर ने 28 जून 2007 को ताहिर और साबिर को दोषी ठहराते हुए इलेक्ट्रिसिटी एक्ट की धारा 136 में 6-6 माह की कैद, धारा 140 में 2000-2000 रुपये जुर्माना (डिफॉल्ट पर 6 माह कैद), और सार्वजनिक संपत्ति नुकसान रोकथाम अधिनियम की धारा 3 में 6 माह कैद व 500-500 रुपये जुर्माना (डिफॉल्ट पर 2 माह कैद) की सजा सुनाई थी।
हाईकोर्ट में अपील के दौरान बचाव पक्ष ने दलील दी कि दोनों आरोपी 17-18 साल पुराने इस मामले में पहले ही जेल में 13 दिन बिता चुके हैं, उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और जुर्माना भी जमा कर दिया गया है। वर्तमान में ताहिर की उम्र 40 से अधिक और साबिर की 70 साल है।
न्यायमूर्ति रजनी दुबे की एकलपीठ ने सभी साक्ष्यों के आधार पर दोषसिद्धि को सही ठहराया, लेकिन लंबा मुकदमा, जुर्माना भुगतान और पूर्व में भुगती सजा को देखते हुए कहा कि अब उन्हें जेल भेजना उचित नहीं होगा। अदालत ने दोनों को “अवधि पूर्व भोगी सजा” मानकर रिहा करने का आदेश दिया। साथ ही बीएनएसएस की धारा 481 के तहत 25-25 हजार रुपये का निजी मुचलका और एक जमानतदार छह महीने तक प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।