कलेक्टर ने संघर्ष समिति को आश्वस्त किया, बात ऊपर तक पहुंचायेंगे

बिलासपुर। हवाई सुविधा जनसंघर्ष समिति के एक प्रतिनिधि मण्डल ने आज कलेक्टर से भेंट कर उन्हें बिलासपुर में हवाई सुविधा बढ़ाने के लिये चार ज्ञापन रक्षामंत्री, नागरिक उड्डयन मंत्री, मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम सौंपे। समिति ने उन्हें बताया कि 26 अक्टूबर को सुविधाओं में विस्तार के लिये फिर से आंदोलन शुरू किया जा रहा है।

कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर ने उनके सभी ज्ञापन अविलंब आगे पहुंचाने का भरोसा दिलाया।

समिति की ओर से नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को दिये गये ज्ञापन में कहा गया है कि लंबे जन संघर्ष के बाद बीते एक मार्च को बिलासा देवी केंवट हवाई अड्डे से दिन के समय एटीआर श्रेणी के विमानों का व्यावसायिक संचालन प्रारंभ किया गया। फिलहाल बिलासपुर से दिल्ली उड़ान चार दिन जबलपुर होकर और चार दिन इलाहाबाद होकर उपलब्ध है। इस उड़ान को यात्रियों का अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है और दिल्ली का किराया अक्सर सात हजार रुपये से अधिक चल रहा है। उद्घाटन के अवसर पर यह भरोसा दिलाया गया था कि नाइट लेडिंग की सुविधा और अन्य महानगरों तक सीधी उड़ान शीघ्र प्रारंभ की जायेगी, परन्तु अभी तक इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई है। स्पाईस जेट और इंडिगो कंपनियों के द्वारा रूचि दिखाये जाने के बावजूद बिलासपुर से महानगरों तक के मार्ग उड़ान 4.1 योजना में शामिल नहीं होना अब तक नई उड़ानें नहीं मिलने का बड़ा कारण है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राज्यपाल को दिये गये ज्ञापन में कहा गया है कि नाइट लेडिंग की सुविधा और रन-वे का विस्तार के कार्यक्रम भी कागजी पत्राचार तक ही सीमित है। बिलासपुर हवाई अड्डे के चारों ओर करीब 1012 एकड़ जमीन भारतीय सेना के ट्रेनिंग सेंटर के लिए 2011 में अधिग्रहित की गई थी। इस भूमि पर बनने वाले ट्रेनिंग सेंटर का प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय ने बाद में रद्द कर दिया। बिलासपुर हवाई अड्डे के रनवे की लंबाई 1500 मीटर है और बड़े विमानों के लिए इसे 2500 मीटर किये जाने की आवश्यकता है। इस हेतु सेना के लिए अधिग्रहित की गई 1012 एकड़ जमीन में से लगभग 200 उकड़ एयरपोर्ट के लिए वापस चाहिए। पूर्व में भी उक्त रनवें विस्तार सेना के द्वारा किया जाना प्रस्तावित था जो कि अब सेना के द्वारा नहीं करने पर छत्तीसगढ़ शासन को करना है। परन्तु इस हेतु रक्षा मंत्रालय से सेना के पास पड़ी अनुपयोग भूमि के वापसी के दिशा में भी कोई पहल नहीं हुई है।

तय किये गये कार्यक्रम के अनुसार कल 26 अक्टूबर को सुबह 10  बजे से महाधरना प्रारम्भ किया जा रहा है और इसमें भागीदार बनने की अपील सभी सहयोगी संगठनों और सक्रिय समाज सेवियों से की गई है। आज कलेक्टर से मिलने वाले प्रतिनिधि मण्डल में रंजीत सिंह खनूजा, देवेन्द्र सिह ठाकुर, मनोज तिवारी, बद्री यादव, समीर अहमद, शिवा मुदलियार, किशोरी गुप्ता, गोपाल दुबे, नवीन वर्मा, अनिल गुलहरे, चित्रकांत श्रीवास, अकील अली, बबलू जार्ज, अमित नागदेव और सुदीप श्रीवास्तव शामिल थे।

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