बिलासपुर।  छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने सूरजपुर जिले में एक चार साल के एलकेजी छात्र के साथ की गई क्रूर सजा पर स्वतः संज्ञान लेते हुए कड़ा रुख अपनाया है। दो शिक्षिकाओं द्वारा होमवर्क पूरा न करने पर बच्चे को रस्सी से बांधकर पेड़ पर लटकाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कोर्ट ने बुधवार को ही मामले की सुनवाई की।

नारायणपुर के निजी स्कूल की घटना, दो शिक्षिकाएं चिन्हित

यह शर्मनाक घटना सोमवार को सूरजपुर जिले के नरायणपुर गाँव स्थित एक निजी स्कूल में हुई। शिक्षिकाएँ काजल साहू और अनुराधा देवांगन पर आरोप है कि उन्होंने बच्चे को स्कूल परिसर में ही रस्सी से बांधकर पेड़ से लटका दिया। पास की छत पर खड़े एक युवक ने पूरी घटना का वीडियो रिकॉर्ड किया, जिसे रोकने की कोशिश करते हुए भी शिक्षिकाएँ बच्चे को नहीं उतरीं।

स्थानीयों में आक्रोश, शिक्षा विभाग की त्वरित जांच जारी

वीडियो वायरल होने के बाद ग्रामीणों ने दोषियों पर तुरंत कार्रवाई की मांग की। क्लस्टर इन-चार्ज ने मौके पर जाकर जांच की और माना कि शिक्षिकाओं की हरकत “पूरी तरह गलत” थी। रिपोर्ट जिला अधिकारियों को भेज दी गई है। जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि स्कूल प्रबंधन से दो दिन के भीतर जवाब माँगा गया है और रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। बच्चा सुरक्षित है, लेकिन परिवार ने गंभीर सवाल उठाए हैं।

राज्य सरकार की कार्यवाही पर कोर्ट की नजर, 9 दिसंबर को अगली सुनवाई

सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता वाई.एस. ठाकुर ने बताया कि संबंधित विभाग ने शिक्षिकाओं के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके बाद मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बिभु दत्ता गुरु की खंडपीठ ने स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव से अगली तारीख को व्यक्तिगत हलफनामा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
अब मामला 9 दिसंबर 2025 को फिर से सुना जाएगा।

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