बिलासपुर। गौड़ाडीह स्थित धान खरीदी केंद्र में धान की हेराफेरी का मामला सामने आया है, जिसमें केंद्र प्रभारी और ऑपरेटर ने मिलकर करीब 4950 क्विंटल धान का गबन किया। इस घोटाले की कुल राशि 1 करोड़ 53 लाख 45 हजार 651 रुपए आंकी गई है। पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ धारा 409 और 34 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

घटना का विवरण

पचपेड़ी क्षेत्र के गौड़ाडीह स्थित धान खरीदी केंद्र में खरीफ वर्ष 2023-24 के लिए कुल 62,540 क्विंटल धान की खरीदी की गई थी। इनमें से 56,604 क्विंटल धान का उठाव किया जा चुका था, जबकि 4955 क्विंटल धान केंद्र में शेष रह गया था। लेकिन भौतिक सत्यापन के दौरान केवल 5 क्विंटल धान ही बचा पाया गया।

इस हेराफेरी का खुलासा तब हुआ जब सहायक खाद्य अधिकारी, सहकारिता विस्तार अधिकारी और खाद्य निरीक्षक ने 16 जून को केंद्र का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान धान की भारी कमी पाई गई, जिससे अधिकारियों में हड़कंप मच गया।

आरोपियों की सफाई

जब अधिकारियों ने धान खरीदी केंद्र के प्रभारी प्रकाश लहरे से पूछताछ की, तो उन्होंने बताया कि धान का उठाव धीमी गति से होने के कारण धान सूख गया। ऑपरेटर ने भी इसी तरह के गोलमोल जवाब दिए। हालांकि, अधिकारियों को यह सफाई संतोषजनक नहीं लगी और उन्हें घोटाले का संदेह हुआ।

जांच प्रक्रिया

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सहायक खाद्य अधिकारी मस्तूरी, सहकारिता विस्तार अधिकारी मस्तूरी, पर्वेक्षक मस्तूरी और खाद्य निरीक्षक मस्तूरी ने अपनी जांच रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को प्रस्तुत की। इसके आधार पर सहकारिता उपायुक्त ने लोहर्सी सहकारी बैंक के प्रबंधक देवदत्त साहू को पुलिस में शिकायत दर्ज करने के निर्देश दिए।

प्रबंधक देवदत्त साहू ने पचपेड़ी थाने में इस घोटाले की विस्तृत शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 409 और 34 के तहत मामला दर्ज कर लिया है और अब इस मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी है।

पुलिस की कार्रवाई

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस की एक विशेष टीम को मामले की तहकीकात में लगाया गया है। पुलिस का कहना है कि जल्दी ही आरोपियों को गिरफ्तार कर पूरे मामले का खुलासा किया जाएगा।

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