14वें सीजी एपिकॉन में देशभर के विख्यात चिकित्सक पहुंचे

कोरोना वायरस सहित छत्तीसगढ़ की बीमारियों और नई तकनीक पर दो दिनों तक मंथन शुरू

बिलासपुर। एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडिया के छत्तीसगढ़ चैप्टर द्वारा 14वां सीजी एपिकॉन 2020 का उद्घटान चेन्नई से आए एपीआई के नेशनल प्रेसिडेंट और कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. डॉ. एस. अरुलराज ने किया।

इस मौके पर उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में देशभर के फिजिशयन्स शामिल हुए हैं, जिसका लाभ छत्तीसगढ़ के चिकित्सकों के साथ यहां की जनता को भी मिलेगा।

उन्होंने कहा कि यहां के चिकित्सक बहुत मेहनती और उत्साही हैं। यही कारण है कि छत्तीसगढ़ में मेडिकल की सुविधाओं का तेजी से विस्तार हो रहा है ।

डॉ. अरुलराज ने कहा कि पिछले 14 वर्षों का यह सबसे  बड़ा आयोजन है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में संक्रामक रोगों और जीवनशैली से होने वाली बीमारियों के विषय में और भी काम किए जाने की जरूरत है। इस क्षेत्र में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। सरकारी और गैर सरकारी क्षेत्र के चिकित्सकों को इस दिशा में बेहतर काम करना चाहिए ताकि लोगों में जागरूकता हो।

इस अवसर पर कार्यक्रम के अध्यक्ष और वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ पी.सी. मनोरिया ने कहा कि हृदय रोग से बचने के लिए सिर्फ व्यायाम ही काफी नहीं है । युवाओं को अपने खान पान ,रहन सहन और जीवनशैली में भी को भी व्यवस्थित करना होगा । छत्तीसगढ़ के युवा खासकर इसका शिकार हो रहे हैं । यह आर्थिक रूप से पिछड़े इस राज्य के लिए चिंता की बात है।

इस अवसर पर प्रो. एंड हेड जीएमसी अंबिकापुर और ऑर्गेनाइजिंग प्रेसिडेंट डॉ लखन सिंह ने कहा कि हमारी साइंटिफिक टीम ने ऐसे विषयों का चयन किया है, जिससे सभी बीमारियों की जानकारी यहां विशेषज्ञों से मिल रही है। यह बिलासपुर और छत्तीसगढ़ के चिकित्सकों लिए एक ज्ञान अर्जन करने का अवसर है।

कार्यक्रम में  प्रो. पी.सी. मनोरिया भोपाल, प्रो. वी नागराजन कोयंबतूर,प्रो. जी. नरसीमोलू हैदराबाद, प्रो. एस. अरूरहज चेन्नई, प्रो. विजय नेगरूल मुंबई, प्रो. वी.के.भारद्वाज जबलपुर, प्रो. विभूति शाह कोलकाता, प्रो. अपूर्व पौराणिक इंदौर, डॉ. मंगेश तिवासकर मुंबई, डॉ. रविंद्र सारनाईक नागपुर, डॉ. अविनाश पोफली नागपुर, नागपुर,डॉ. प्रशांत भंडारकर, डॉ ऋपि लोहिया शामिल हैं।

इसी तरह प्रदेश से प्रो. शशांक गुप्ता, प्रो. वी.एन. मिश्रा, डॉ प्रभात पांडे, डॉ. जवाहर अग्रवाल,  डॉ. देवेंदर सिंह, डॉ. प्रवीण कालवीट, डॉ. मनोज राय डॉ. सजल सेन, डॉ.जावेद अली, डॉ.एम.पी. सयामल, डॉ प्रमोद बिनापक, डॉ. समित श्रीवास्तव, डॉ सांत्वना चंद्राकर , डॉ भावना रायजादा सहित बड़ी संख्या में चिकित्सक शामिल हुए। यह आयोजन 8 व 9 फरवरी  को बिलासपुर के होटल मैरियट, 36 मॉल में किया जा रहा है।

चिकित्सक हुए सम्मानित-

इस अवसर पर डॉ एस. गुप्ता को चिकित्सा क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए कि डॉ. के.के. श्रीवास्तव लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड प्रदान किया गया । इसी तरह डॉ प्रवीण कालवीट को एस.के. तिवारी मेमोरियल सम्मान प्रदान किया गया। कार्यक्रम में सीनियर फिजिशियन डॉ. नेमी चोपड़ा ,दुर्ग को सीजी एपिकॉन का नया अध्यक्ष  चुना गया है।

छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य व्यवस्था को मिलेगा लाभ -डॉ रायजादा 

कार्यक्रम के ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेट्री और सीनियर फिजीशियन अविजित रायजादा ने बताया कि आज पहले दिन कोरोना वाइरस, टाईफाइड,सिकलसेल, एनिमिया, मलेरिया सहित लगभग सभी बिमारियों के बारे में विस्तार से चर्चा की गई है। छत्तीसगढ़ के चिकित्सकों को छत्तीसगढ़ में होने वाली बीमारियों की संपूर्ण जानकारी, नई तकनीक, नई मशीनों की अपडेशन पर विशेषज्ञों ने जानकारी दी।  डॉ. रायजादा ने बताया कि इस आयोजन में देश के सभी राज्यों के चिकित्सा विषय विशेषज्ञ, समस्त मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ और प्रो. शामिल हुए है।

बीमारी और निदान की जागरूकता जरूरी- डॉ. मंगेश तिवासकर

इस अवसर पर मुंबई  से आए डॉ. मंगेश तिवासकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य को लेकर बेहतर कार्य हो रहे हैं  लेकिन अभी भी डायबिटीज ,सिकल सेल, एनीमिया, किडनी से संबंधित रोगों , सहित कई संक्रामक रोगों के बारे में जागरूकता की बेहद जरूरत है। छत्तीसगढ़ के लोग अभी भी बीमारी और उसके इलाज के संबंध में कम जानकारी रखते हैं , इसलिए सबसे ज्यादा जरूरत आज जागरूकता की है। ताकि लोग बीमारी और उसके बाद इलाज को बेहतर तरीके से समझ सकें । उन्होंने कहा कि आज भारत में सबसे ज्यादा जरूरत रोडसाइड मेडिसिन और इमरजेंसी सुविधाएं बढ़ाने की जरूरत है। इस दिशा में छत्तीसगढ़ में कार्य किया जाना चाहिए, ताकि लोगों को ऐसी सुविधा मिल सके ।

ऐसे आयोजन चिकित्सकों के लिए भी पाठशाला- डॉ नागराजन

इस अवसर पर चेन्नई से आए न्यूरोलॉजिस्ट डॉ विजय नागराजन ने कहा कि ज्ञान कभी भी स्थिर नहीं होना चाहिए । इसे लगातार हस्तांतरित होते रहना चाहिए । ऐसे आयोजनों से ज्ञान का हस्तांतरण होता है, जो निश्चित ही समाज के लिए लाभदायक होता है । उन्होंने कहा कि किसी भी ज्ञान के आयोजन के लिए विश्वविद्यालय कॉलेज स्कूल जाने की जरूरत नहीं ऐसे आयोजन भी पाठशाला की होते हैं।

देशभर के चिकित्सकों को बड़ा संदेश- पांडे

इस अवसर पर दुर्ग के फिजीशियन डॉ प्रभात पांडे ने कहा कि आज छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में इस तरह के कार्यक्रम निश्चित ही चिकित्सकों को लाभ पहुंचाएंगे। इस आयोजन से देशभर के चिकित्सकों को बड़ा संदेश भी गया है, कि हम सब किसी विषय पर लगातार चर्चा करें और अपने ज्ञान को साझा करें । इसका लाभ मरीजों और आम जनता को मिलता है।

 

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