पेंशन का भुगतान असहायों को घर जाकर किया जा रहा, मनरेगा की मजदूरी भी बैंकों में कतार लगाये बिना मिल रही

बिलासपुर। लॉकडाउन के दौरान माह अप्रैल में डिजी पे (सखी) भुगतान में बिलासपुर जिला देश के शीर्ष 5 जिलों में शामिल रहा। वहीं जिले के ग्राम स्तरीय उद्यमी, (वीएलई) सर्वाधिक ट्रांजेक्शन कर देश में पहले नंबर पर रहे।

शासकीय योजनाओं की राशि के डिजिटल भुगतान में बिलासपुर जिले ने पूरे देश में शीर्ष पांच जिलों में शामिल होकर एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। कलेक्टर डॉ. संजय अलंग ने इसके लिए डीजी पे सखी और ग्राम स्तरीय उद्यमियों को बधाई दी है और कहा है कि कोरोना की रोकथाम में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान है।

कोरोना संक्रमण के दौरान लॉकडाउन के चलते लोग जब घरों से नहीं निकल पा रहे हैं। तब उनकी जरूरतों के लिए बैंक से राशि ले जाकर डिजी पे सखी और ग्राम स्तरीय उद्यमी (वीएलए) उनके घर पहुंचा रहे हैं।

जिले में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) अंतर्गत स्व सहायता समूह की 109 महिलायें सामान्य सेवा केन्द्र (सीएससी) से डीजी पे सखी के रूप में पंजीकृत हैं साथ ही ग्राम स्तरीय उद्यमी भी पंजीकृत हैं जिन्हें सीएससी आईडी प्रदान की गई है। इनके द्वारा ग्राम स्तर पर ही कोरोना महामारी से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए ग्रामीणों को मनरेगा, पेंशन, जन-धन, किसान सम्मान निधि, अनुदान एवं अन्य राशि के भुगतान की बैंकिंग सुविधाएं उनके घरों में ही उपलब्ध कराई जा रही है ताकि लोगों को राशि आहरण हेतु बैंक तक नहीं जाना पड़े। डीजी पे सखी और वीएलई मोबाइल और फिंगर प्रिंट डिवाइस लेकर घरों-घर पहुंचते हैं और उन्हें बैंकों में जमा उनकी राशि का नगद भुगतान करते हैं। जिला पंचायत द्वारा प्रत्येक डीजी सखी को एक हजार रुपये का मानदेय दिया जा रहा है। प्रत्येक ट्रांजेक्शन पर उन्हें 15 रुपये तक कमीशन प्राप्त हो रहा है।

जिले में अप्रैल 2020 में सर्वाधिक 2 करोड़ 54 लाख रुपये के 22 हजार 277 ट्रांजेक्शन डिजी पे सखी एवं वीएलई के माध्यम से किये गये। यह ट्रांजेक्शन देश में चौथे स्थान पर है। गौरेला के कोरजा निवासी वीएलई मिथिलेश कुमार ने सर्वाधिक 1024 ट्रांजेक्शन कर 64 लाख 55 हजार का भुगतान डीजी पे के माध्यम से किया है, जिसका जिले को चौथे स्थान पर लाने में महत्वपूर्ण योगदान रहा। इसके अतिरिक्त ग्राम लिमतरा मस्तूरी की डिंडेश्वरी सिंह ने 598 ट्रांजेक्शन कर 7 लाख 50 हजार का भुगतान किया। ग्राम कोरजा, गौरेला की लक्ष्मी वर्मा 534 ट्रांजेक्शन कर हितग्राहियों को 6 लाख का भुगतान किया। बिल्हा ब्लॉक के ग्राम उरतुम की कला लहर्षे ने 438 ट्रांजेक्शन कर 4 लाख 85 हजार का भुगतान किया।

डीजी पे सखी एवं ग्राम स्तरीय उद्यमी सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक अपने कार्य में लगे रहते हैं। इसका सर्वाधिक लाभ उन लोगों को मिल रहा है जो वृद्ध, अशक्त अथवा दिव्यांग हैं।  इनकी सक्रियता से कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लागू किये गये लॉकडाउन में भी लोगों को परेशानी नहीं हो रही है और घरों पर ही शासन की योजनाओं की राशि का भुगतान प्राप्त कर रहे हैं। जिले के 1350 सीएससी सेंटर्स के माध्यम से यह योजना चलाई जा रही है।

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