बिलासपुर। गौरेला के टीकरकला क्वारांटीन सेंटर में बुधवार की सुबह एक डेढ़ साल की बालिका शिशु की अचानक मौत हो गई । बच्ची का पिता प्रवासी श्रमिक है और बीते 19 मई से भोपाल से लौटा था। वह क्वारांटीन सेंटर से भाग गया था, जिसे पत्नी व बच्ची के साथ कवारांटीन सेंटर दुबारा लाया गया था। चिकित्सकों ने मौत की वजह दूध पीने के दौरान हिचकी, उल्टी आने पर सांस रुकना बताया है , फिर भी एहतियातन बच्ची और उसकी मां का स्वाब सैंपल जांच के लिए भेजा गया है।

गौरेला थाने के एस आई उमराव सिंह नेताम ने बताया कि देवर गांव निवासी पूरन सिंह पिछले वर्ष दिसंबर माह में मजदूरी करने भोपाल गया था। लॉकडाउन के बाद वह 17 मई को श्रमिक स्पेशल ट्रेन से बिलासपुर पहुंचा। बिलासपुर से जिला प्रशासन ने उसे पेंड्रा भेज दिया। श्रमिक पूरन 18 तारीख को पेंड्रा डाइट के कवारेंटीन सेंटर से भाग कर अपने गांव चला गया। गांव वालों ने तहसीलदार से इसकी शिकायत की। प्रशासन ने 19 मई को उसे टीकरकला हाई स्कूल के छात्रावास में बने कवारेंटीन सेंटर में भेज दिया। श्रमिक पूरन चूंकि अपने घर में पूरे दिन रुका था, वहां से उसकी पत्नी और उसकी डेढ़ साल की बच्ची को भी क्वारांटीन सेंटर में लाकर ठहरा दिया गया।

पुलिस के अनुसार बुधवार को सुबह 7 बजे बच्ची की मां ने उसे दूध पिलाया और उसे वहीं लिटाकर खुद नहाने के लिए चली गई। नहाने के बाद लौटकर आने पर देखा कि बच्ची को हिचकियां आ रही है और उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही है। मां ने इसकी जानकारी अपने पति और सेंटर  में मौजूद अधिकारी को दी। तत्काल एंबुलेंस बुलाकर बच्ची को गौरेला, सीएचसी हॉस्पिटल ले जाया गया। अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस के अनुसार पोस्टमार्टम के बाद बच्ची का शव उसके परिजनों को सौंप दिया गया है।

गौरेला – पेंड्रा – मरवाही के कोविड -19 के नोडल अधिकारी डॉ अभिमन्यु सिंह ने बताया कि प्रारंभिक तौर पर  क्वारेंटाइन सेंटर में डेढ़ साल की बच्ची की मौत की वजह दूध पीने के दौरान हिचकी, उल्टी आने और श्वास नलिका में चले जाने से सांस रुकना प्रतीत हो रही है , फिर भी पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद ही वास्तविक कारण का पता चल सकेगा। उन्होंने बताया कि एहतियातन बच्ची का स्वाब सैंपल भी जांच के लिए भेजा गया है।

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