गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही। जहाँ कुछ दिन पहले ही जेसीसी जोगी गुट के नेताओ ने इस्तीफा देकर जब कांग्रेस में प्रवेश किया तो जिले के कई कांग्रेस पदाधिकारियों ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। अब यह सिलसिला भाजपा में चालू हो गया है ।
नवगठित जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही के लिए घोषित जिला भाजपा की कार्यकारिणी से नाराज होकर भाजयुमो प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य एवं कोरबा जिले के प्रभारी पवन केशरवानी ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता सहित सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है।
केशरवानी ने कहा कि पार्टी में अब निष्ठावान कार्यकर्ताओं की जरूरत नहीं है। ऐसे लोगों को महत्व दिया जा रहा है जो कल तक दूसरी राजनीतिक पार्टियों में रहकर भाजपा को नुकसान पहुंचा रहे थे। उन्हें वरिष्ठ पदों में रखा जा रहा है जबकि उनकी हैसियत पार्षद का चुनाव जीतने की भी नहीं है।
केशरवानी ने कहा कि पेंड्रा-गौरेला-मरवाही के कार्यकर्ताओं की भाजपा में सुनियोजित ढंग से उपेक्षा होती रही है। अभी नई सरकार द्वारा नए जिले गौरेला पेंड्रा मरवाही का गठन किया गया है परंतु बिलासपुर के नेता एवं संगठन के लोग संगठन को बिलासपुर से ही संचालित करना चाहते हैं।
नवगठित कार्यकारिणी को भी बिलासपुर से अंतिम रूप दिया गया जबकि प्रदेश संगठन द्वारा सिर्फ जिला अध्यक्ष की घोषणा की जाती है। जिला अध्यक्ष अपने अन्य पदाधिकारियों एवं कार्य समिति का चयन करते हैं। पूरी कार्यकारिणी की घोषणा बिलासपुर के नेताओं द्वारा की गई जिसमें निष्ठावान कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की गई।
केशरवानी के अनुसार गौरेला पेंड्रा मरवाही में उनके समाज का बड़ा तबका निवास करता है जिसके कारण अलग-अलग राजनीतिक दलों द्वारा समाज के लोगों को पद दिया गया है परंतु भाजपा में नवगठित कार्यकारिणी में जातिगत समीकरणों की भी उपेक्षा की गई। मेरे पिता ने भी भाजपा में जमीनी कार्यकर्ता के रूप में आजीवन कार्य किया। वे स्वयं लगभग 20 वर्षों से भाजपा के लिए समर्पित हैं पर पद और प्रतिष्ठा की परवाह नहीं की।
बस्तर से सरगुजा तक जब जहां संगठन ने उपयोगी समझा वहां गए और तन मन धन से काम किया परंतु जब पार्षद की एक टिकट मांगी तो टिकट कल के आए स्वार्थियों को टिकट दी गई, जो हार गए। अब उन्हें ही जिले के भाजपा संगठन में पद देकर निष्ठावान कार्यकर्ताओं का मजाक उड़ाया जा रहा है, जो बर्दाश्त से बाहर है। अब भाजपा में कर्मठ व पुराने कार्यकर्ताओं व नेताओं की अहमियत व जरूरत नही रह गई है। पेण्ड्रा में अब परिवारवाद हावी हो रहा है। भाजपा तीन परिवारों के बीच सिमट कर रह गई है। भाजपा संगठन में मनमानी नहीं चलती परंतु एक खास वर्ग भाजपा में मनमानी चला रहा है।
(रिपोर्ट-सुमित जालान)













