बिलासपुर। गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही जिले के पुलिस अधीक्षक सूरज सिंह परिहार अपनी व्यस्त ड्यूटी के बीच यूपीएससी के उम्मीदवारों को सोशल मीडिया के जरिये मार्गदर्शन देने का काम भी कर रहे हैं। अब तक उन्होंने हजारों प्रतिभागियों की जिज्ञासाओं का समाधान करने का प्रयास किया है और यह सिलसिला जारी है।

परिहार कहते हैं कि जिस तरह से बड़ी कम्पनियां अपने मुनाफे का एक हिस्सा सामाजिक उत्तरदायित्व के रूप में खर्च करती हैं उसी तरह मेरी भी नैतिक जिम्मेदारी है कि यूपीएससी के उम्मीदवारों का मार्गदर्शन करूं। यह उन्हें इसलिये भी जरूरी लगता है कि खुद उन्होंने कई बुनियादी चीजों की जानकारी नहीं मिलने के कारण चार साल गंवा दिये थे।

परिहार ने हिन्दी माध्यम से यूपीएससी की परीक्षा दो बार उत्तीर्ण की। पहली बार सन् 2013 में उनका रैंक 334 था दूसरी बार सन् 2014 में 189 वें रैंक पर रहे। प्रदेश के 28वें जिले गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही के पुलिस अधीक्षक जैसे महत्वपूर्ण जवाबदेही के बावजूद वे उम्मीदवारों को वेबिनार के जरिये मार्गदर्शन के लिये समय निकाल लेते हैं। हालांकि वे व्यस्तता के कारण हर सप्ताह वेबिनार नहीं कर पाते पर उम्मीदवारों का सवाल लेकर एक साथ जवाब देने के लिये सोशल मीडिया पर आते हैं और यह सत्र कभी आधा घंटा तो कभी एक घंटा चलता है। परिहार का इंस्टाग्राम, फेसबुक, ई-मेल तथा ट्विटर पर एकाउंट उपलब्ध है जिससे इच्छुक उम्मीदवार जुड़ते जाते हैं। अब तक ऐसे तीन ऑनलाइन सत्र हो चुके हैं जिनमें पहली बार 2500, दूसरी बार 3000 और तीसरी बार 13 हजार उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया। इन सत्रों में परिहार अन्य टॉपर अधिकारियों को भी शामिल करने का प्रयास करते हैं। पिछले सत्र में 9 अधिकारियों ने भाग लिया था। कभी-कभी जब अन्य अधिकारी नहीं आ पाते तो वे स्वयं सत्र का संचालन करते हैं।

परिहार बताते हैं कि कुछ सवाल बार-बार आते हैं जैसे अपनी संप्रेषण कौशल में सुधार कैसे लाया जाये, पूर्णकालिक नौकरी करते हुए कैसे तैयारी की जाये। वैकल्पिक पेपर क्या हो, किन चीजों पर फोकस करें किन चीजों से दूर रहें।

परिहार ने कहा कि जिस तरह हम भोजन बनाने से पहले जरूरी सारा सामान एक जगह इकट्ठा कर लेते हैं उसी तरह यूपीएससी की तैयारी शुरू करने से पहले अध्ययन की जरूरी सामग्री एकत्र कर लेनी चाहिये। इससे अच्छे परिणाम आयेंगे। अंग्रेजी में निपुण होने के लिये नियमित अंग्रेजी अखबार पढ़े, टीवी पर अंग्रेजी के कार्यक्रम देखें, दर्पण के सामने खड़े होकर अभ्यास करें। ऐसे लोगों से दोस्ती करें जिनसे बात करके आप यह कौशल विकसित कर सकते हैं।

परिहार कहते हैं कि आपके मन की शांति और खुद से बढ़कर कोई परीक्षा नहीं होती है। नतीजों की अनिश्चितता को लेकर चिंतित न रहें। अपना सर्वश्रेष्ठ दें और अनुकूल परिणाम नहीं भी आये तो उसे कृतज्ञता के साथ स्वीकार करें।

इच्छुक उम्मीदवार उनके सोशल मीडिया एकाउन्ट्स पर जाकर उनसे जुड़ सकते हैं और मार्गदर्शन के सत्रों में शामिल हो सकते हैं।

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