बिलासपुर। फैक्ट चैकिंग वेबसाइट आल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राहत देते हुए उनके ख़िलाफ़ प्रताड़ित करने वाली कोई भी कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है।
रायपुर में दर्ज मामले को लेकर मो. जुबैर ने राहत के लिये अधिवक्ता अमरनाथ पांडेय और किशोर नारायण के माध्यम से याचिका दायर की थी, जिस पर आज जस्टिस संजय के. अग्रवाल ने यह आदेश जारी किया।
जुबैर के ख़िलाफ एक ट्विटर पोस्ट को लेकर रायपुर के जगदीश सिंह की शिकायत पर आईटी एक्ट और पोक्सो एक्ट के तहत अपराध दर्ज किया गया था। राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) दिल्ली की ओर से भी उनके खिलाफ साइबर सेल दिल्ली में शिकायत दर्ज कराई गई थी, जहां से जुबैर को अग्रिम जमानत मिल चुकी है।
जुबैर के खिलाफ शिकायत है कि उन्होंने एक नाबालिग लड़की की ट्विटर पर धमकाया, प्रताड़ित किया है।
दरअसल इस मामले की शुरूआत तब हुई थी जब बिलासपुर के पुलिस महानिरीक्षक ने एक ख़राब सड़क की तस्वीर ट्विटर पर पोस्ट करके पूछा था कि बतायें यह सड़क भारत के किस हिस्से की है। मो. जुबैर ने फैक्ट चेक करने के बाद जवाब दिया था कि यह सड़क भारत नहीं चीन की है। रायपुर के जगदीश सिंह ने जुबैर को जवाब देते हुए सांकेतिक भाषा में अश्लील शब्दों का प्रयोग किया और कहा लव..डीई फैक्ट चैकर। तब जगदीश सिंह की सोशल मीडिया पेज पर जाकर उनके द्वारा पोस्ट की गई एक तस्वीर जुबैर ने निकाली। इसमें एक नाबालिग बच्ची के साथ जुबैर की तस्वीर थी, जो संभवतः पारिवारिक थी। जुबैर ने इस तस्वीर से नाबालिग की तस्वीर को धुंधला करते हुए बीते 6 अगस्त को लिखा कि क्या इस बच्ची को पता है कि आप सोशल मीडिया पर इस तरह गालियां लिखते हैं? इस मामले को एनसीपीसीआर ने इस आधार पर संज्ञान में लिया कि एक नाबालिग की तस्वीर के साथ पोस्ट डालकर उसे धमकाया और प्रताड़ित किया गया। इस बारे में उसने ट्विटर से सफाई मांगी। जवाब से असंतुष्ट होने के बाद एनसीपीसीआर ने दिल्ली पुलिस के उपायुक्त और साइबर सेल को पत्र लिखकर इस मामले में एफआईआर दर्ज करने कहा। दिल्ली पुलिस की आईटी एक्ट व पोक्सो एक्ट के तहत दर्ज अपराध में दिल्ली हाईकोर्ट से जुबैर को अग्रिम जमानत मिल गई। एनसीपीसीआर ने यही शिकायत रायपुर में भी की थी जिसके कारण रायपुर में भी जुबैर के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया था।
मामला दर्ज होने के बाद जगदीश सिंह के सोशल मीडिया पर किये गये कई पोस्ट्स के स्क्रीन शॉट्स वायरल हुए जिसमें आपत्तिजनक भाषा है।