राजनांदगांव : कोरोना को हराने के लिए चलाई जा रही मुहिम के तहत शहर के पूरे 51 वार्डों के लिए 35 स्थानों पर जांच शिविर लगाया गया जिसमें कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए जांच की गई। ‘एक युध्द कोरोना के विरुद्ध’ नामक इस अभियान में शिविर में 3,000 से अधिक लोगों ने कोरोना टेस्ट कराया। शिविर के दौरान सैंपलिंग की गई और नगर निगम व स्वास्थ्य विभाग के लगभग 400 कर्मचारियों ने कार्यों की जिम्मेदारी संभाली।

शिविर के माध्यम से एक प्रेरक बात यह सामने आई कि सर्दी, खांसी या बुखार के लक्षण वाले लोगों ने जागरुकता का परिचय देते हुए खुद आकर कोरोना जांच कराई। इससे पूर्व जिला प्रशासन की ओर से विभिन्न माध्यमों से अपील की गई थी कि यदि किसी में भी कोरोना से संबंधित कोई लक्षण हैं, तो वे स्वयं सामने आकर सैंपल दें। इससे समय पर इलाज हो सकता है तथा संक्रमण का फैलाव भी रुक सकता है।इस संबंध में राजनांदगांव सीएमएचओ डॉ. मिथलेश चौधरी ने बताया, कोरोना से जंग के क्रम में शहर में कोरोना संक्रमितों की स्थिति तथा संवेदनशील इलाकों की पहचान हो सके, इसी उद्देश्य से विशाल जांच शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में 5,000 सैंपल टेस्ट करने का लक्ष्य था और शाम लगभग 4 बजे तक 3,000 से अधिक लोग टेस्ट करा चुके हैं। लोगों ने एक जिम्मेदार नागरिक होने का परिचय देते हुए शिविर स्थल पर खुद आकर जांच कराई। इस शिविर के आयोजन में विभिन्न सेवाभावी संगठनों ने भी अहम भूमिका निभाई। डॉ. चौधरी ने बताया, कोरोना के प्रचार-प्रसार को रोकने के लिए में शिविर के अलावा भी रोजाना जिले में 1,300 सैंपल लिए जा रहे हैं।इसमें करीब 500 शहर के होते हैं। इसके बाद संक्रमण की स्थिति स्पष्ट होती है। यदि एक ही दिन में 5,000 सैंपल हुए तो शहर कोरोना के खिलाफ युद्ध में 10 दिन की बढ़त ले लेगा। इससे दस दिन में होने वाले सभी प्रयास एक ही दिन के बाद किए जा सकेंगे। उन्होंने पुन: अपनी अपील दुहराते हुए कहा, कोरोना के खिलाफ जंग में जागरूकता के साथ लोगों की सहभागिता बहुत जरूरी है। कोरोना से बचने के लिए अच्छी तरह हाथ धोने के साथ ही मास्क का उपयोग व सार्वजनिक स्थलों पर दो गज की दूरी का पालन करना आवश्यक है।

कोई जवाब दें

Please enter your comment!
Please enter your name here