-4सी कैटेगरी के लिये अभी और जमीन की जरूरत, केन्द्र व रक्षा मंत्रालय से जवाब नहीं मिलने पर कोर्ट नाराज
बिलासपुर। महानगरीय हवाई सेवा शुरू करने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान आज राज्य सरकार की ओर हाईकोर्ट में बताया गया कि 3सी कैटेगरी उड़ान के लिये शेष कार्य आगामी 10 दिनों में पूरे कर लिये जायेंगे। केन्द्र व रक्षा मंत्रालय की ओर से उपस्थित अधिवक्ता की ओर से समुचित उत्तर नहीं आने पर कोर्ट ने नाराजगी जताई।
चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने बताया कि शासन ने सेना के प्रबंधन से 78 एकड़ जमीन वापस ली है जिससे 3सी कैटेगरी के लिये रुके हुए काम में तेजी आई है जो 10 दिन में पूरा कर लिया जायेगा। राज्य शासन ने डीजीसीए को पत्र लिखकर बिलासपुर एयरपोर्ट को 2सी वीएफआर कैटेगरी से 4सी आईएफआर कैटेगरी में परिवर्तित करने की अनुमति देने की मांग भी की थी। 12 अक्टूबर को सिविल एवियेशन दिल्ली ने राज्य सरकार से इस सम्बन्ध में आवश्यक दस्तावेज मांगे उसके बाद 19 अक्टूबर को इस मुद्दे पर सभी पक्षों की बैठक हुई। उन्हें बताया गया कि 4 सी कैटेगरी के लिये बहुत सी जमीन तथा निर्माण कार्यों की आवश्यकता पड़ेगी।
याचिकाकर्ता हाईकोर्ट प्रैक्टिसिंग बार एसोसियेशन के अध्यक्ष संदीप दुबे की ओर से 4सी कैटेगरी हवाई सेवा की मांग पर दायर याचिका पर अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव ने पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि नियम, शर्तों पर जाकर यदि सेना से आवश्यकतानुसार और जमीन लेनी होगी तो उसमें एक साल से अधिक समय लग सकता है। सेना को जमीन देते समय एक शर्त यह भी थी कि यदि इस जमीन का आबंटन के 10 साल तक उपयोग में नहीं लाया गया तो उसे वापस लिया जा सकता है। यह अवधि पूरी हो चुकी है। सरकार यह जमीन वापस ले सकती है जिस तरह से बस्तर में ली गई है लेकिन सेना के साथ ऐसा नहीं करना चाहिये। सेना से हमें 1100 एकड़ में से सिर्फ 200 एकड़ जमीन की 4सी के लिये आवश्यकता है, जिसे ले लिया जाना चाहिये।
इस पर कोर्ट ने केन्द्र व रक्षा मंत्रालय की ओर से उपस्थित असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल रमाकांत मिश्रा से पक्ष रखने के लिये कहा तो उन्होंने कहा कि राज्य ने जो जवाब फाइल किया है उसकी कॉपी उन्हें नहीं मिली है। कोर्ट ने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए बताया कि कॉपी आपको कल ही दे दी गई थी। आपका व्यवहार आपत्तिजनक है आप जवाब नहीं दे पा रहे हैं तो अगली पेशी में हम सेना के उच्चाधिकारियों को कोर्ट में बुलाकर पूछेंगे कि 4सी कैटेगरी का एयरपोर्ट बनाने में आप व्यवधान क्यों डाल रहे हैं।
याचिकाकर्ता कमल दुबे की ओर से आशीष श्रीवास्तव ने भी अपना पक्ष रखा। कोर्ट ने सुनवाई के बाद आदेश सुरक्षित रखा है।