रायपुर, 2 दिसम्बर। छत्तीसगढ़ की पत्रकारिता के एक मजबूत स्तंभ ललित सुरजन का आज शाम दिल्ली के एक निजी अस्पताल में रात करीब 8 बजे निधन हो गया। वे 74 वर्ष के थे और बीते कुछ समय से वे कैंसर से जूझ रहे थे।
राज्यपाल उइके ने अपने शोक संदेश में कहा कि सुरजन ने देश-प्रदेश की पत्रकारिता और साहित्य जगत में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने अपनी लेखनी के माध्यम से निचले तबकों और शोषितों की आवाज उठाई। उनके निधन से पत्रकारिता को अपूरणीय क्षति पहुंची है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर ललित सुरजन के निधन की जानकारी देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ ने आज अपना एक सपूत खो दिया। सांप्रदायिकता और कूपमंडूकता के खिलाफ जो लौ मयाराम सुरजन ने जलाई थी उसे ललित भैया ने बखूबी आगे बढ़ाया। पूरी जिंदगी मूल्यों को लेकर उन्होंने कोई समझौता नहीं किया। ललित भैया को मैं छात्र जीवन से जानता था। वे राजनीति पर पैनी नजर रखते थे और लोकतंत्र में उनकी गहरी आस्था थी। नेहरू जी के प्रति उनकी अगाध श्रद्धा मुझे प्रेरित करती थी। उनके नेतृत्व में देशबन्धु ने दर्जनों ऐसे पत्रकार दिये हैं जिन पर छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश दोनों को गर्व हो सकता है।
ललित जी के परिवार में चार भाई और दो बहनें हैं। उनकी तीन बेटियां हैं। दिल्ली में जब उन्होंने अंतिम सांसे लीं तो सभी वहां मौजूद थे।