श्री कृष्णा अस्पताल का मामला, मौके पर पहुंचे सीएमएचओ ने दी लाइसेंस निरस्त करने की चेतावनी, एसडीएम ने भड़के परिजनों को शांत कराया

बिलासपुर। मंगला चौक स्थित श्री कृष्णा हॉस्पिटल प्रबंधन पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए आज सुबह परिजनों ने हंगामा कर दिया। आरोप है कि ऑक्सीजन की सप्लाई बंद करने के कारण रात में तीन मरीजों की मौत हो गई। सुबह हंगामे की खबर मिलने पर एसडीएम और सीएमएचओ ने पहुंचकर परिजनों को शांत कराया और अस्पताल प्रबंधन को लाइसेंस निरस्त करने की चेतावनी दी।

परिजनों का कहना था कि रात करीब एक बजे अस्पताल में मरीजों को लगे हुए ऑक्सीजन की सप्लाई अचानक ही बंद कर दी गई। इससे मरीजों को सांस लेने लेने में दिक्कत होने लगी। ऑक्सीजन बेड पर मरीजों की तबियत बिगड़ती गई। रात्रि में ही अस्पताल से परिजनों को फोन द्वारा तीन मरीजों की मौत होने की सूचना दी गई। इसके बाद मरीज के परिजनों ने अंदर जाकर देखा तो मरीज को लगा हुआ ऑक्सीजन सप्लाई उन्हें बंद मिली। इसके बाद परिजनों ने अस्पताल में काफी हंगामा मचाया। अस्पताल प्रबंधन की ओर से सफाई दी जाती रही कि मरीजों की मौत गंभीर हालत के कारण हुई, ऑक्सीजन सप्लाई बंद नहीं की गई थी। पर परिजन ऑक्सीजन सिलेंडर रूम तक पहुंच गये जहां उन्होंने पाया कि ऑपरेटर ने उन्हें बताया कि सिलेंडर के खाली होने के बाद उसे बदलने में समय लगा। इस बीच सप्लाई बंद हो गई थी।

रामनाथ सिंह।

सुबह अस्पताल प्रबंधन ने एक नोटिस चिपका दी जिसमें कहा गया कि अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी होने के कारण गंभीर मरीजों को परिजन यहां से ले जायें। इस पर फिर हंगामा हुआ और एसडीएम देवेन्द्र पटेल तथा सीएमएचओ डॉ. प्रमोद महाजन हॉस्पिटल पहुंचे। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से चर्चा की तो उसने स्टाफ की कमी होने तथा ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित होने की बात कही। डॉ. महाजन ने अस्पताल प्रबंधन से कहा कि अस्पताल को लाइसेंस और कोविड इलाज की अनुमति पर्याप्त स्टाफ होने का विवरण देने पर ही दी गई है। यदि स्टाफ नहीं है तो लाइसेंस रद्द कर दिया जायेगा। ऑक्सीजन की कमी की बात कहना गलत है क्योंकि ऑक्सीजन के लिये नोडल अधिकारी तय हैं और अस्पताल की ओर से इसकी डिमांड ही नहीं की गई है। सीएमएचओ ने अस्पताल के गेट की वह पर्ची फाड़ने कहा जिसमें ऑक्सीजन नहीं होने के कारण मरीजों को ले जाने की बात कही गई थी।

परिजनों को मालूम हुआ कि गंभीर मरीजों से बिल हिसाब में दिक्कत न आये सोचकर अस्पताल प्रबंधन उन्हें यहां से पहले ही ले जाने के लिये दबाव बना रहा था। इसीलिये ऑक्सीजन सिलेंडर बंद कर दिया गया। मृतकों में एक रामनाथ सिंह भी हैं जिनको ऑक्सीजन सप्लाई बंद होने से जान गंवानी पड़ी। उनकी कलेक्टोरेट के सामने कैंटीन है। उनके रिश्तेदार भरत सिंह ने बताया कि हमने अस्पताल वालों से कह रखा था कि ऑक्सीजन की कमी हो तो हमें समय पर बता देंगे, हम स्वयं ला देंगे। लेकिन अस्पताल वालों ने सीधे मौत की सूचना दी।

कोई जवाब दें

Please enter your comment!
Please enter your name here