बिलासपुर। सिपाही संगठन के सदस्यों ने शहीद युवा सैनिक की पत्नी का रीतिविधि से शादी कराकर सकारात्मक पहल की है। संगठन के सदस्यों ने मां महामाया की नगरी के सिद्धी विनायक मंदिर में पूर्व सैनिकों और परिजनों की उपस्थिति यह पुनीत कार्य किया है।
सिपाही संगठन के महेंद्र प्रताप सिंह राणा ने बताया हमारा संगठन सैनिकों के कल्याण के लिए काम करता हैं। करीब डेढ़ साल पहले असम में दुश्मनों से लोहा लेते युवा सैनिक शहीद हो गए थे। ऐसे में उनकी पत्नी की सुखद जीवन के लिए संस्था की ओर से पहल की गई। इसके लिए शहीद की पत्नी, उसके ससुराल और मायके वालों से चर्चा किया गया। इसका सकारात्मक परिणाम मिला इसके लिए दोनों पक्ष ने सहमति दी।
इसके बाद दुल्हे की तलाश शुरू हुई। काफी जांच परख के बाद दुल्हे की तलाश पूरी हुई। सभी पक्षों की सहमति के बाद शादी के लिए रजामंदी हुई. इसके बाद बुधवार की दोपहर परिजनों और पूर्व सैनिकों की मौजूदगी में रतनपुर के सिद्धी विनायक मंदिर में सात फेरे लेकर नव दंपति परिणय सूत्र में बंध गए।
महेंद्र प्रताप सिंह राणा ने बताया पहले शहीद सैनिकों की पत्नी को दूसरी शादी करने पर शासन से मिलने वाली सुविधाओं से वंचित होना पड़ता था सरकार ने नियमों में बदलाव किया है, सुप्रीम कोर्ट से भी इसके लिए गाइड लाइन जारी किए गए हैं। अब शहीद सैनिक के पत्नी को फिर से शादी कर लेने पर पहले से मिल रही सुविधाओं से वंचित नहीं होना पड़ेगा अब उन्हें भी सुखद दाम्पत्य जीवन का अधिकार मिल गया है।