बिलासपुर। आरपीएफ नागपुर की टीम ने बिलासपुर से बहला-फुसलाकर ग्वालियर ले जाई जा रही नाबालिग को दो युवकों के चंगुल से छुड़ाया। युवकों को पॉक्सो एक्ट और अपहरण की धाराओं के तहत कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार कर लिया गया है।
भंडारा से नागपुर के बीच तैनात आरपीएफ की टीम को गोंडवाना एक्सप्रेस में एक नाबालिग लड़की दो लड़कों के साथ संदेहास्पद स्थिति में यात्रा करते हुए दिखी। पूछताछ करने पर तीनों ने अपना बदला हुआ नाम सोनम 17 साल, श्याम 20 साल मुरैना, शैलेश 21 साल ग्वालियर बताया।
संदेह दूर नहीं होने पर आरपीएफ के उप निरीक्षक विवेक मिश्रा और प्रधान आरक्षक एसबी मिश्रा में नाबालिग से अलग से पूछताछ की। उसने तब राज खोला कि वह बिलासपुर में रहती है। उसकी सहेली मनु राजपूत की दोस्ती शैलेश से इंस्टाग्राम के माध्यम से हुई। मनु राजपूत में नाबालिग की फोटो अपने व्हाट्सएप स्टेटस में लगा दी थी। इसे देखकर मनु के बॉयफ्रेंड ने मनु से कहा कि वह उसके भाई श्याम से इस लड़की की दोस्ती करा दे। मनु ने श्याम से नाबालिग की बात कराई। इसके बाद नाबालिग और श्याम में लगातार बातचीत होती रही। फिर श्याम ने उसे दोस्ती के साथ-साथ प्यार के जाल में फंसा लिया। इसका फायदा उठाकर दोनों आरोपियों शैलेश और श्याम ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म भी किया। बिलासपुर पहुंच कर उन्होंने उसे अपने साथ बहला-फुसलाकर ग्वालियर चलने के लिए तैयार कर लिया। आरपीएफ क्राइम ब्रांच नागपुर की टीम ने नाबालिग से पूछताछ के बाद उसे युवकों से छुड़ा लिया। उसे चाइल्ड लाइन कर्मचारी दीपाली और प्रज्ञा के सुपुर्द किया गया। शासकीय रेल पुलिस ने दोनों युवकों के खिलाफ धारा 363 366ए, 376-2 और पोक्सो एक्ट 4,6 के तहत कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
आरपीएफ ने आम लोगों से अपील की है कि सोशल मीडिया के माध्यम से बढ़ते हुए अपराधों को देखते हुए वे अपने बच्चों को सही मार्गदर्शन दें और किसी अनजान से दोस्ती नहीं करने की सलाह दें। उनको इसके दुष्परिणाम से अवगत कराएं ताकि इस तरह की घटनाएं ना हो।