बिलासपुर। समाज कल्याण विभाग द्वारा करोड़ों रुपये अनुदान दिये जाने के बावजूद भुखमरी से बच्चों की मौत होने के मामले में हाईकोर्ट ने राज्य शासन को विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
हाईकोर्ट में रायपुर की सामाजिक संस्था कोपलवाणी की एक जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। इसमें कहा गया है कि राज्य सरकार द्वारा समाज कल्याण विभाग के माध्यम से निराश्रित बच्चों की परवरिश के लिये राशि प्रदान की जाती है। इसके लिये अलग से घरौंदा योजना भी संचालित है। यह योजना विभिन्न एनजीओ के माध्यम से संचालित है। एनजीओ पीताम्बरा सहित कई अन्य संस्थाओं को बच्चों की देखभाल के लिये अब तक 9 करोड़ 78 लाख रुपये दिये गये हैं, पर सन् 2014 से लेकर अब तक 8 बच्चों की भुखमरी से मौत हो चुकी है। पीताम्बरा संस्था ने बच्चों की मौत की शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की, इसके बाद कोपलवाणी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिकाकर्ता का कहना है कि बच्चों की मौत से यह स्पष्ट होता है कि शासन द्वारा दिये जाने वाले अनुदान का दुरुपयोग किया जा रहा है। बुधवार को प्रकरण की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने जवाब के लिये समय मांग लिया। अब प्रकरण की अगली सुनवाई 4 अक्टूबर को प्रारंभ होने वाले सत्र में होगी।