बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कोरबा दीपका क्षेत्र की प्रगति नगर डिस्पेंसरी में पदस्थ मैट्रन दीपा दास के निलंबन आदेश पर रोक लगा दी है।
डिस्पेंसरी में पदस्थ दीपा दास को डॉक्टर यूपी सिंह और क्लर्क मधु राजपूत के साथ मारपीट होने के कारण प्रबंधन ने निलंबित कर आरोप पत्र जारी किया था। मारपीट के विरुद्ध दीपा दास ने डॉ सिंह और क्लर्क राजपूत के खिलाफ दीपिका थाने में एफआईआर भी दर्ज करवाई है। इस पर धारा 294, 506, 323 व 34 आईपीसी का अपराध उनके विरुद्ध पंजीबद्ध है।
घटना के एक माह बाद एसईसीएल प्रबंधन ने दीपा दास को भटगांव स्थानांतरित कर दिया और इसका आधार प्रशासकीय बताया। इसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में एक रिट याचिका दायर की और निवेदन किया कि निलंबन के दौरान स्थानांतरण बिना प्रशासकीय आवश्यकता के दुर्भावनापूर्वक किया गया है। यह आदेश अवैध है। एकल पीठ ने आवेदन को खारिज कर दिया। तब अधिवक्ता राजेश कुमार केशरवानी के माध्यम से उन्होंने डिवीजन बेंच में रिट अपील प्रस्तुत की। डिवीजन बेंच ने स्थानांतरण आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगाते हुए दीपा दास को राहत दी है। कोर्ट ने कहा है निलंबन के दौरान कम वेतन प्राप्त होने से स्थानांतरण में याचिकाकर्ता को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।