रायपुर।  छत्तीसगढ़ के स्टील और स्पंज उद्योगों ने बिजली की दरों में अचानक और भारी वृद्धि को लेकर गंभीर चिंता जताई है। उद्योगपतियों के अनुसार हालिया दरों में वृद्धि के कारण उद्योगों की वित्तीय स्थिति बेहद दयनीय हो गई है, और इसके परिणामस्वरूप 29 जुलाई की मध्यरात्रि से प्रदेश के संयंत्रों को बंद करने का निर्णय लिया गया है।

बिजली दरों में वृद्धि का प्रभाव

छत्तीसगढ़ स्पंज ऑयरन मैन्यूफैक्चरर एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल नचरानी का कहना है कि  राज्य सरकार द्वारा लागू की गई नई बिजली दरें, जिसमें लगभग 25 प्रतिशत वृद्धि की गई है, अत्यधिक ऊंची है। यह उद्योगों की उत्पादन लागत को सीधे तौर पर प्रभावित कर रही हैं। बढ़ी हुई दरों ने न केवल उत्पादन की लागत को बढ़ाया है, बल्कि इससे उद्योगों की प्रतिस्पर्धात्मकता भी कमजोर हुई है। स्थानीय बाजार में अन्य राज्यों के उत्पादों की तुलना में छत्तीसगढ़ के उत्पाद महंगे हो गए हैं, जिससे उद्योगों को व्यापार में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

उद्योग प्रतिनिधियों ने कहा कि यह निर्णय अस्वीकार्य है और इससे उद्योगों की स्थिरता और रोजगार की स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने मांग की है कि राज्य सरकार इस बढ़ोतरी की समीक्षा करे और उद्योगों के लिए उपयुक्त राहत प्रदान करे।

एसोसिएशन ने ऐलान किया है कि 29 जुलाई की मध्यरात्रि से राज्य के सभी स्टील और स्पंज उद्योग अपने संयंत्रों को बंद कर देंगे। यह निर्णय एक दिन के लिए लागू रहेगा, और इसका उद्देश्य सरकार को यह संदेश देना है कि यदि समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो भविष्य में और भी गंभीर कदम उठाए जा सकते हैं।

संयंत्रों की बंदी से केवल उद्योग ही नहीं, बल्कि हजारों श्रमिकों की आजीविका भी संकट में पड़ सकती है। इसके अलावा, स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला और संबंधित व्यवसाय भी प्रभावित हो सकते हैं।

राज्य सरकार की ओर से अभी तक इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। सरकार के दृष्टिकोण और संभावित समाधान पर निर्भर करते हुए, यह स्थिति आगामी दिनों में स्पष्ट हो सकती है।

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