बिलासपुर । सिविल लाइन पुलिस ने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए करोड़ों की धोखाधड़ी के आरोपी नवीन बजाज को गिरफ्तार किया है। नवीन बजाज ने अपने पिता रमेश कुमार बजाज के साथ मिलकर चाचा का फर्जी हस्ताक्षर कर सीसी लिमिट बढ़ाई और ओवर ड्राफ्ट आवेदन तैयार कर 3 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की थी। पुलिस ने नवीन बजाज को उड़ीसा के झारसुगुडा से घेराबंदी कर गिरफ्तार किया।

मुख्य आरोपी फरार

इस मामले में एक अन्य आरोपी रमेश कुमार बजाज घटना के बाद से फरार है। पुलिस उसकी तलाश में जुटी है। मामले की जांच के दौरान अन्य व्यक्तियों के नाम भी आरोपियों के रूप में सामने आ सकते हैं।

गिरफ्तार आरोपी: नवीन बजाज, पिता रमेश कुमार बजाज, उम्र 29 वर्ष, निवासी सिंधी कालोनी, बलराम टाकीज रोड, थाना सिविल लाइन, बिलासपुर, छत्तीसगढ़। वर्तमान निवास माम किचन, बाधेमुण्डा, झारसुगुडा, उड़ीसा।

फरार आरोपी: रमेश कुमार बजाज, पिता स्व. दौलतराम बजाज, उम्र 56 वर्ष, निवासी सिंधी कालोनी, बलराम टाकीज रोड, थाना सिविल लाइन, बिलासपुर, छत्तीसगढ़। वर्तमान निवास माम किचन, बाधेमुण्डा, झारसुगुडा, उड़ीसा।

मामला और घटनाक्रम

4 जुलाई-2024 को परसराम बजाज ने थाना सिविल लाइन में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसके भाई रमेश कुमार बजाज और भतीजे नवीन बजाज ने मिलकर फर्जी हस्ताक्षर कर सीसी लिमिट बढ़ाई और ओवर ड्राफ्ट आवेदन तैयार कर फर्म में 3 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की। रिपोर्ट के आधार पर आरोपियों के विरुद्ध धारा 420, 34 भादवि के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया।

पुलिस कार्रवाई

मामले की जानकारी पुलिस अधीक्षक बिलासपुर राजनेश सिंह को दी गई। उनके निर्देशन में और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महोदय शहर उमेश कश्यप व नगर पुलिस अधीक्षक सिविल लाइन उमेश प्रसाद गुप्ता के मार्गदर्शन में सिविल लाइन थाना प्रभारी निरीक्षक प्रदीप आर्य के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। आरोपी नवीन बजाज की लोकेशन उड़ीसा के झारसुगुडा में मिलने पर, पुलिस टीम ने वरिष्ठ अधिकारियों की अनुमति से आरोपी को वहां से गिरफ्तार कर बिलासपुर लाया। पूछताछ में नवीन बजाज ने अपराध स्वीकार किया।

अतिरिक्त धाराएं जोड़ी गई

नवीन बजाज के खिलाफ जप्त दस्तावेजों के आधार पर धारा 338, 336(3), 340(2) बीएनएस की धाराएं भी जोड़ी गई हैं। आरोपी को न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है।

पुलिस टीम की सराहनीय भूमिका

इस पूरे मामले में थाना सिविल लाईन निरीक्षक प्रदीप कुमार आर्य, उप निरीक्षक इन्द्रनाथ नायक, प्रधान आरक्षक नवीन सोनकर, आरक्षक वीरेन्द्र राजपूत की सराहनीय भूमिका रही है।

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