बिलासपुर। बिलासा देवी केंवट चकरभाठा एयरपोर्ट के लिए रक्षा मंत्रालय से वापस ली जाने वाली जमीन का सीमांकन गुरुवार को पूरा हो गया। इस सीमांकन की रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी, जिसके आधार पर सेना को भुगतान किया जाएगा।

सीमांकन के बाद के काम

सीमांकन के बाद भी कुछ कार्य शेष हैं। सेना की जमीन पर कई पेड़ हैं जिन्हें काटना पड़ेगा। डीएफओ से पेड़ों को हटाने संबंधी प्रक्रिया पूरी करने को कहा गया है।

मार्च में शुरू हुई थी प्रक्रिया

सीमांकन की प्रक्रिया मार्च से शुरू हुई थी और 1 अगस्त को समाप्त हुई। सेना की कुल 287 एकड़ जमीन का सीमांकन एयरपोर्ट और जबलपुर से आए सेना के अधिकारियों की उपस्थिति में किया गया।

दो दौर में सीमांकन

सीमांकन के दो दौर चले। पहले दौर में सीमांकन आधा होने के बाद लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लगने के कारण प्रक्रिया प्रभावित हो गई। आचार संहिता हटने के बाद भी जबलपुर से सेना के अधिकारियों के नहीं आने की वजह से दो माह तक सीमांकन रुका रहा। बाद में सेना के अधिकारियों ने जीपीएस नक्शे की मांग की। जिला प्रशासन के इंकार और कोर्ट के आदेश के बाद दोबारा सीमांकन 22 जुलाई से शुरू हुआ।

हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति की प्रतिक्रिया

सीमांकन की प्रक्रिया पूरी होने पर हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने खुशी जताई। समिति ने उम्मीद जताई कि जल्दी ही 287 एकड़ जमीन सेना के कब्जे से एयरपोर्ट प्रबंधन को हस्तांतरित हो जाएगी, जिससे बिलासपुर में 4C एयरपोर्ट बनने और एयरबस व बोइंग जैसे बड़े विमानों के उतरने का मार्ग प्रशस्त होगा।

सीमांकन में लगी टीम

1 अगस्त को बिलासा बाई केवट एयरपोर्ट के चारों ओर स्थित भारतीय सेना और रक्षा मंत्रालय के कब्जे वाली जमीन का सीमांकन करने के लिए राजस्व के अधिकारी और कर्मचारी बड़ी संख्या में लगे हुए थे, जिनमें बिल्हा एसडीएम और तहसीलदार भी शामिल थे।

कोई जवाब दें

Please enter your comment!
Please enter your name here