रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के न्यायालयों में आने वाले गवाहों के खुराक भत्ते में वृद्धि कर दी है। अब गवाहों को 100 रुपये की बजाय 300 रुपये का भत्ता मिलेगा, जो सीधे उनके बैंक खातों में जमा किया जाएगा। इस संबंध में राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है, और यह व्यवस्था 26 सितंबर 2024 से पूरे प्रदेश में लागू हो गई है।
बिलासपुर के अज्ञेय नगर में रहने वाले सेवानिवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुरेंद्र तिवारी ने 1 फरवरी 2024 को विधि एवं विधायी विभाग को इस विषय पर पत्र लिखा था। उन्होंने पत्र की एक प्रति उप मुख्यमंत्री अरुण साव को भी भेजी थी। विधि विभाग ने इस पत्र को गंभीरता से लेते हुए इसे छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट को भेजा, जिसके बाद 27 सितंबर 2024 को अधिसूचना जारी की गई, जिसमें गवाहों के खुराक भत्ते को 100 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये कर दिया गया।
अब तक न्यायालय में आने वाले गवाहों को बयान दर्ज कराने के लिए किराया और जलपान भत्ता मिलता था, लेकिन यह दर बेहद कम थी और इसे कई वर्षों से संशोधित नहीं किया गया था। पुराने नियमों के अनुसार यह भत्ता केवल 100 रुपये था, जो न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 के तहत अकुशल कृषि मजदूरों की दैनिक मजदूरी से भी कम था। इस असमानता को देखते हुए खुराक भत्ते में वृद्धि की मांग लंबे समय से की जा रही थी।
जिला न्यायालयों में हर दिन सैकड़ों लोग गवाही देने आते हैं, लेकिन इनमें से कई गवाहों को इस भत्ते के बारे में जानकारी नहीं होती। कुछ लोग भत्ता लेने में रुचि भी नहीं दिखाते, क्योंकि इसके लिए प्रार्थना पत्र भरने और स्वीकृति की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। अब सरकार की नई अधिसूचना के तहत गवाहों को यह भत्ता आसानी से और सीधे उनके खातों में जमा किया जाएगा, जिससे उन्हें न्यायिक प्रक्रिया में आने वाले खर्चों का सही मुआवजा मिल सकेगा।