सक्ती। जैजैपुर जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने लिपिक वेंकटेश्वर वर्मा को रिश्वत लेने के आरोप में निलंबित कर दिया है। वेंकटेश्वर वर्मा पर ग्राम पंचायत बर्रा में विधायक निधि से निर्मित सीसी रोड के भुगतान के लिए सरपंच से रिश्वत मांगने का गंभीर आरोप है।

जानकारी के अनुसार, सरपंच ने विधायक निधि से सीसी रोड का निर्माण पूरा कराने के बाद बकाया राशि के भुगतान के लिए बाबू वेंकटेश्वर वर्मा से कई बार निवेदन किया था। लेकिन वर्मा ने चेक जारी करने में बार-बार बहाने बनाकर टालमटोल की। सरपंच की लगातार कोशिशों के बाद भी जब चेक नहीं कटा, तब उसने वेंकटेश्वर को किसी अन्य व्यक्ति के माध्यम से रिश्वत की पेशकश की। इस दौरान, वेंकटेश्वर वर्मा का रिश्वत लेते हुए वीडियो भी बना लिया गया, जो अब सबूत के तौर पर सामने आया है।

जनपद पंचायत जैजैपुर के अन्य सरपंचों ने भी आरोप लगाया है कि वेंकटेश्वर वर्मा लंबे समय से कार्यालय में पदस्थ थे और बिना लेन-देन के कोई काम नहीं करते थे। वर्मा पर लंबे समय से ऐसे आरोप लगते आ रहे थे कि वह पंचायतों के कार्यों की फाइल आगे बढ़ाने के लिए रिश्वत मांगता था।

शासन के नियमों के अनुसार, किसी भी अधिकारी को एक ही स्थान पर लंबे समय तक पदस्थ नहीं रखा जाता है ताकि कार्यक्षेत्र में निष्पक्षता बनी रहे। हालांकि, वेंकटेश्वर वर्मा कई वर्षों से जैजैपुर जनपद पंचायत में कार्यरत थे, जिसके कारण उनकी पहचान स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों के साथ काफी गहरी हो गई थी।

वेंकटेश्वर वर्मा ने अपने बचाव में कहा है कि वह रिश्वत नहीं ले रहे थे, बल्कि वह राशि किसी उधारी का ब्याज चुकाने के लिए आई थी। हालांकि, उनके इस दावे को बेबुनियाद बताते हुए जांच के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया है। मामले की जांच अभी भी जारी है।

 

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