तीन चरणों में हुआ शांतिपूर्ण मतदान, 8 अक्टूबर को आएंगे नतीजे

जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के हटने के बाद पहली बार हुए विधानसभा चुनावों में मतगणना से पहले जारी एग्जिट पोल के नतीजों ने राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है। कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के गठबंधन को अधिकतर एग्जिट पोल में बढ़त मिलती दिख रही है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) पीछे रहते हुए भी मज़बूत चुनौती दे रही है। यहां विधानसभा चुनाव करीब दस वर्षों बाद हुआ है और मतगणना के परिणाम 8 अक्टूबर को घोषित होंगे।

पहली बार मतदान कर सके पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थी
यह चुनाव कई मायनों में ऐतिहासिक हैं, खासकर पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थी समुदाय के लिए, जिन्होंने पहली बार विधानसभा चुनावों में अपने मताधिकार का प्रयोग किया। अनुच्छेद 370 हटने के बाद इस समुदाय को जम्मू-कश्मीर में नागरिकता मिली, जिससे वे अब चुनावी प्रक्रिया का हिस्सा बन सके।

कुल 63.45% मतदान
इस चुनाव में कुल 63.45 प्रतिशत मतदान हुआ, जो पिछले लोकसभा चुनावों के मुकाबले बेहतर रहा। चुनावों का आयोजन तीन चरणों में शांतिपूर्ण ढंग से हुआ, जिनमें जनता ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। यह चुनाव सुरक्षा और स्थिरता के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण थे, क्योंकि ये अनुच्छेद 370 हटने के बाद के पहले विधानसभा चुनाव थे।

विभिन्न एग्जिट पोल के नतीजे:

  • दैनिक भास्कर एग्जिट पोल के अनुसार, कांग्रेस-एनसी गठबंधन को 35-40 सीटें मिलने की संभावना है, जबकि भाजपा 20-25 सीटों पर सिमट सकती है। वहीं, पीडीपी को 4-7 सीटें मिल सकती हैं, और निर्दलीय उम्मीदवार 12-16 सीटों पर जीत सकते हैं।
  • गुलिस्तान एग्जिट पोल में मुकाबला और भी रोचक दिखाया गया है। इस पोल के अनुसार, गठबंधन को 31-36 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि भाजपा को 28-30 सीटें मिल सकती हैं। इसके साथ ही निर्दलियों की भूमिका अहम हो सकती है, क्योंकि उनके लिए 19-23 सीटों की भविष्यवाणी की गई है। पीडीपी को 5-7 सीटें मिलने का अनुमान है।
  • सी-वोटर एग्जिट पोल के नतीजे भी इसी तरह का संकेत देते हैं। उनके मुताबिक, कांग्रेस-एनसी गठबंधन 30-48 सीटों पर कब्जा कर सकता है, जबकि भाजपा 27-32 सीटों पर जीत सकती है। पीडीपी और निर्दलीय उम्मीदवारों को लगभग बराबरी पर 6-12 और 6-11 सीटें मिलने का अनुमान है।
  • पीपुल्स पल्स पोल में कांग्रेस-एनसी गठबंधन को 46-50 सीटें मिलने की उम्मीद जताई गई है, वहीं भाजपा 23-27 सीटों पर संतोष कर सकती है। पीडीपी को 7-11 और निर्दलीयों को 6-10 सीटें मिलने का अनुमान है।

उमर अब्दुल्ला ने खारिज किया एग्जिट पोल
एग्जिट पोल के नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए, पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इन आकलनों को खारिज किया और वास्तविक परिणामों का इंतजार करने की बात कही। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “मुझे आश्चर्य हो रहा है कि चैनल एग्जिट पोल पर इतना ध्यान दे रहे हैं, जबकि हाल ही में हुए आम चुनावों में उनके नतीजे पूरी तरह गलत साबित हुए थे। मैं इन सबकी उपेक्षा कर रहा हूं और 8 अक्टूबर के वास्तविक परिणामों का इंतजार कर रहा हूं।”

अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार चुनाव
जम्मू-कश्मीर में 2019 में अनुच्छेद 370 हटने के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव है। इस बार नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) और कांग्रेस ने गठबंधन बनाकर चुनाव लड़ा, जबकि पीडीपी और भाजपा अलग-अलग चुनावी मैदान में उतरीं। इसके साथ ही कुछ निर्दलीय उम्मीदवार भी अपनी मज़बूत उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं, जिन्हें किंगमेकर की भूमिका निभाते हुए देखा जा रहा है।

चुनावी इतिहास: 2014 और 2008 के नतीजे
2014 के विधानसभा चुनावों में पीडीपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, जिसने 28 सीटें जीती थीं। भाजपा को 25, एनसी को 15 और कांग्रेस को 12 सीटें मिली थीं। 2008 के चुनावों में भी कांग्रेस और एनसी ने गठबंधन बनाकर सरकार बनाई थी और उमर अब्दुल्ला राज्य के सबसे युवा मुख्यमंत्री बने थे।

नतीजों की ओर सबकी नजर
अब सभी की निगाहें 8 अक्टूबर पर टिकी हैं, जब इन चुनावों के नतीजे घोषित किए जाएंगे। इन परिणामों से यह स्पष्ट होगा कि अनुच्छेद 370 के बाद जम्मू-कश्मीर की राजनीति किस दिशा में जाएगी और किस गठबंधन या पार्टी को जनता ने अपनी सरकार बनाने का मौका दिया है।

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