बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर वन मंडल के तखतपुर वन परिक्षेत्र के टिंगीपुर इलाके में एक नर हाथी शावक की करंट लगने से मौत हो गई। घटनास्थल अचानकमार टाइगर रिजर्व से सटा हुआ है, जहां वन अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह हादसा शिकार के लिए बिछाए गए बिजली के तारों की चपेट में आने से हुआ है।
अचानकमार टाइगर रिजर्व (एटीआर) के फील्ड डायरेक्टर मनोज पाण्डेय ने बताया कि एसटीपीएफ (स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स) की टीम ने शुक्रवार को एटीआर से लगभग एक किलोमीटर दूर तखतपुर वन मंडल के टिंगीपुर इलाके के परसापारा गाँव के पास शावक को मृत अवस्था में पाया। बिलासपुर और मुंगेली वन मंडल, वन विकास निगम और एटीआर के वन अधिकारियों की संयुक्त टीम तुरंत मौके पर पहुँची और देखा कि लगभग 3 से 4 साल के शावक का शव करीब दो दिन पुराना था। शावक के गले और पैर में जलने के निशान स्पष्ट दिखाई दे रहे थे, जो इस बात का संकेत दे रहे थे कि शिकार के इरादे से बिछाए गए बिजली के तारों में उलझने से उसकी मौत हुई।
फील्ड डायरेक्टर पाण्डेय ने बताया कि प्रारंभिक जांच के अनुसार, शावक की मौत 30 अक्टूबर की रात को हुई होगी। घटनास्थल के आसपास बिजली के तार नहीं मिले हैं, लेकिन सूअरों के पैरों के निशान अवश्य देखे गए हैं, जिससे लगता है कि शिकारियों ने जंगली सूअरों के शिकार के लिए तार बिछाए थे, जिनकी चपेट में आकर शावक हाथी की जान चली गई।
पाण्डेय के अनुसार, दो दिन पहले हाथियों का एक दल इस क्षेत्र में विचरण कर रहा था, जिसमें 4 बड़े हाथी और एक शावक शामिल था। संभावना है कि इसी दल का शावक करंट की चपेट में आ गया। वन विभाग की टीम मामले की गहन जांच कर रही है। डॉक्टरों की टीम द्वारा शावक का पोस्टमार्टम किया जा रहा है, जिससे मौत के वास्तविक कारणों का पता चल सकेगा।