कोरबा, 20 नवंबर। एसईसीएल दीपका खदान में अवैध रूप से प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश कर खनन कार्य में बाधा पहुंचाई गई। इसके चलते खदान की संविदा कंपनी केसीसी-डेको (जेवी) की 5 मशीनें और 35 वाहन बंद हो गए। इस घटना से कंपनी को लगभग 1 करोड़ 30 लाख रुपये का नुकसान हुआ। इस मामले की शिकायत दीपका थाने में दीपका विस्तार परियोजना के महाप्रबंधक (खनन) ने दर्ज कराई है।

उत्पादन और आपूर्ति प्रभावित

महाप्रबंधक खनन द्वारा थाना प्रभारी दीपका को सौंपी गई शिकायत के अनुसार, मंगलवार दोपहर 12 बजे मनमोहन राठौर ने खदान के केसीसी पैच पर चल रहे खनन कार्य को बाधित किया। इससे उत्पादन कार्य ठप हो गया। इसके कारण न केवल एसईसीएल को राजस्व का बड़ा नुकसान हुआ, बल्कि सरकार को भी आर्थिक हानि उठानी पड़ी।

इस घटना के कारण एनटीपीसी सिपट और अन्य कोयला उपभोक्ताओं को आपूर्ति बाधित हुई, जिससे पावर प्लांट के कामकाज में संकट उत्पन्न हो सकता है।

एफआईआर दर्ज, कानूनी कार्रवाई की मांग

इस घटना को लेकर दीपका थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है। वहीं, संविदा कंपनी केसीसी-डेको और दीपका परियोजना के उपक्षेत्र प्रबंधक ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि मनमोहन राठौर के नेतृत्व में खदान में अवैध प्रवेश कर उत्पादन कार्य दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक बाधित किया गया।

राष्ट्रीय स्तर पर बड़ा नुकसान

एसईसीएल प्रबंधन ने जानकारी दी कि इस घटना के कारण न केवल कोयला उत्पादन प्रभावित हुआ, बल्कि एनटीपीसी सिपट को कोयला आपूर्ति बाधित हो गई। इससे दीपका प्रबंधन और देश को लगभग 1.30 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। प्रबंधन ने अदालत में क्षतिपूर्ति का दावा दाखिल करने की भी बात कही है।

वाहनों और मशीनों पर पड़ा असर

शिकायत में बताया गया कि मनमोहन राठौर के नेतृत्व में कार्य में बाधा डालने से 5 मशीनें और 35 वाहन काम नहीं कर सके। इस वजह से केसीसी, एसईसीएल और देश को भारी आर्थिक हानि उठानी पड़ी है। संविदा कंपनी ने प्रबंधन से इस मामले में उचित कार्रवाई की मांग की है।

पुलिस का बयान

थाना प्रभारी दीपका प्रेमचंद साहू ने कहा,
“मामले में शिकायत प्राप्त हुई है। जांच के बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”

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