बिलासपुर। केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत खरसिया-नया रायपुर-परमालकसा रेल प्रोजेक्ट छत्तीसगढ़ की रेल कनेक्टिविटी को एक नई दिशा देगा। इस परियोजना की लागत 8,741 करोड़ रुपये है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसे छत्तीसगढ़ की “नई रेल धमनी” बताते हुए कहा कि यह रेल लाइन ओडिशा से लेकर महाराष्ट्र की सीमा तक रेलवे नेटवर्क को मजबूती देगी और पूरे राज्य को एक छोर से दूसरे छोर तक जोड़ेगी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में वैष्णव ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत 615 किलोमीटर लंबी पटरी, 21 स्टेशन, 48 बड़े ब्रिज, 349 माइनर ब्रिज, 14 फ्लाईओवर और 184 अंडरपास बनाए जाएंगे। 5 रेल फ्लाईओवर स्थानीय लोगों की सुविधा के लिए बनाए जाएंगे ताकि ट्रैफिक बाधित न हो। इससे रायगढ़, जांजगीर-चांपा, बिलासपुर, बलौदा बाजार, दुर्ग और राजनांदगांव जैसे जिले सीधे जुड़ेंगे।
रेल मंत्री ने बताया कि इस रूट के निर्माण के बाद 8 से अधिक मेल/एक्सप्रेस ट्रेनें चलेंगी और इससे रेलवे को 22 करोड़ लीटर डीजल की बचत होगी, जिससे करीब 2,500 करोड़ रुपये की आर्थिक बचत संभव है। इस प्रोजेक्ट के जरिए बलौदा बाजार और खरसिया जैसे औद्योगिक हब भी बेहतर कनेक्टिविटी से जुड़ेंगे। साथ ही, डोकरा और कोसा सिल्क जैसे सांस्कृतिक उत्पादक क्षेत्रों को भी इसका लाभ मिलेगा।
परियोजना के तहत 2 करोड़ मैन डे जॉब सृजित होंगे, जिससे स्थानीय स्तर पर बंपर रोजगार मिलेगा। रेलवे अब बायपास पद्धति पर भी कार्य कर रही है, जिससे मालगाड़ियां शहरों से बाहर निकालकर यात्री गाड़ियों को शहर के भीतर प्रवेश मिलेगा।
रेल मंत्री ने बताया कि 2014 से पहले छत्तीसगढ़ को 300 करोड़ रुपये का रेलवे बजट मिलता था, जो अब 22 गुना बढ़कर 6,900 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। 1,125 किमी नई रेल लाइन का निर्माण हो चुका है, जो दुबई के रेलवे नेटवर्क से भी अधिक है।
छत्तीसगढ़ में 47,000 करोड़ रुपये से अधिक का रेलवे निवेश हुआ है। 32 स्टेशनों का पुनर्निर्माण जारी है, जिनमें से कई का काम इस साल के अंत तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने बताया कि दल्लीराजहरा-रावघाट लाइन जल्द पूरी होगी, और रावघाट-जगदलपुर लाइन की डीपीआर लगभग तैयार है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने परियोजना को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इससे छत्तीसगढ़ की तस्वीर बदलेगी। वहीं, केंद्रीय मंत्री तोखन साहू ने प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह परियोजना राज्य के विकास का नया अध्याय लिखेगी।