बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के प्रथम विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शुक्ल की अपोलो अस्पताल में हार्ट सर्जरी के बाद हुई मृत्यु और फर्जी डिग्रीधारी कार्डियोलॉजिस्ट नरेंद्र विक्रमादित्य की नियुक्ति को लेकर बुधवार को जिला कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। कांग्रेस ने करण की उच्च स्तरीय जांच और जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
इस डेलीगेशन में जिलाध्यक्ष विजय केशरवानी, शहर अध्यक्ष विजय पांडेय, मस्तुरी विधायक दिलीप लहरिया, पूर्व विधायक सियाराम कौशिक, रश्मि आशीष सिंह, महापौर प्रत्याशी प्रमोद नायक, कांग्रेस नेता राजेंद्र साहू डब्बू और जगदीश कौशिक शामिल रहे।
अपोलो अस्पताल को बताया मौत की प्रयोगशाला
ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि अपोलो अस्पताल प्रबंधन ने बिना डिग्री और अनुभव की जांच के फर्जी डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य को कार्डियोलॉजिस्ट के रूप में नियुक्त किया। इससे अस्पताल का ऑपरेशन थिएटर मौत की प्रयोगशाला बन गया, जिसके कारण पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सहित कई लोगों की जान गई।
जांच में सामने आए गंभीर सवाल
ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष की मृत्यु के बाद उनके पुत्र प्रो. प्रदीप शुक्ला ने अस्पताल प्रबंधन और तत्कालीन सीएचएमओ से शिकायत की थी, लेकिन इसकी कोई जांच नहीं की गई।
इतना ही नहीं, तत्कालीन आईएमए अध्यक्ष डॉ. कर्नल वाय.एस. दुबे द्वारा की गई जांच में डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य की डिग्री को फर्जी पाया गया था। इसके बावजूद आईएमए की रिपोर्ट को नजरअंदाज कर लीपापोती की गई, जो यदि समय रहते रोकी जाती तो कई निर्दोष लोगों की जान बचाई जा सकती थी।
अपोलो अस्पताल को लौटानी होगी राशि
कांग्रेस ने यह भी मांग की है कि फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट द्वारा किए गए सभी ऑपरेशनों की पूरी राशि परिजनों को ब्याज सहित वापस लौटाई जाए। साथ ही, राजेंद्र प्रसाद शुक्ल के इलाज के लिए सरकार द्वारा दी गई 20 लाख रुपये की राशि को सरकारी खजाने में वापस जमा कराया जाए।
हत्या के आरोप में हो एफआईआर
ज्ञापन के माध्यम से कांग्रेस ने मांग की है कि फर्जी डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य, अपोलो ग्रुप के चेयरमैन डॉ. प्रताप रेड्डी, कार्यकारी चेयरपर्सन प्रीथा रेड्डी, रिजनल हेड डॉ. मनीष मट्टू, यूनिट हेड अर्णव राहा तथा तत्कालीन बिलासपुर सीएचएमओ के खिलाफ हत्या के आरोप में एफआईआर दर्ज कर मुकदमा चलाया जाए।
जनता के साथ विश्वासघात: कांग्रेस
केशरवानी ने कहा कि अपोलो अस्पताल पर लोगों ने आंख बंद कर भरोसा किया, लेकिन फर्जी डिग्री कांड ने पूरे क्षेत्र की जनता के विश्वास को तोड़ दिया है। उन्होंने मांग की कि वर्तमान में कार्यरत सभी डॉक्टरों की डिग्री की जांच कर उसे सार्वजनिक किया जाए, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।