रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय इन दिनों ‘सुशासन तिहार’ के तहत जनता से सीधे संवाद और योजनाओं की जमीनी पड़ताल में जुटे हैं। इसी क्रम में उन्होंने जांजगीर-चांपा और कोरबा जिलों में आकस्मिक दौरे कर जनता को एक ओर ऐतिहासिक सौगात दी, तो दूसरी ओर ग्रामीणों की समस्याओं के त्वरित समाधान की मिसाल पेश की।
142 वर्षों के बाद जांजगीर को मिला अत्याधुनिक तहसील भवन
मुख्यमंत्री साय ने जांजगीर में 4 करोड़ 21 लाख रुपये की लागत से निर्मित नवीन तहसील कार्यालय भवन का लोकार्पण किया। यह भवन 1883 में अंग्रेजी शासन में बने पुराने भवन की जगह पर तैयार किया गया है। अब 54 गांवों और 24 पटवारी हल्कों के नागरिकों को राजस्व से जुड़ी सभी सेवाएं एक ही छत के नीचे प्राप्त होंगी।
नवीन भवन में अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार सहित अन्य अधिकारियों के लिए सर्वसुविधायुक्त कक्ष तैयार किए गए हैं। लोक सेवा केंद्र, निर्वाचन शाखा, कानूनगो शाखा, मालजमादार कक्ष जैसी सुविधाएं इसे एक समग्र प्रशासनिक केंद्र बनाती हैं। मुख्यमंत्री ने इसे शासन की सेवा-प्रदाता प्राथमिकता की दिशा में मील का पत्थर बताया।
इस अवसर पर वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, सांसद कमलेश जांगड़े, विधायक व्यास कश्यप, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष नारायण चंदेल सहित कई वरिष्ठ अधिकारी व स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा, “यह भवन केवल एक ढांचा नहीं, बल्कि जनता की सेवा का नया द्वार है।”
कोरबा के मदनपुर गांव में समाधान शिविर में सुनी जनता की बात
मुख्यमंत्री साय पाली विकासखंड के ग्राम मदनपुर पहुंचे और समाधान शिविर में शामिल होकर ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं। उन्होंने योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि सुशासन तिहार कोई औपचारिकता नहीं, बल्कि बिना सूचना के सच्चाई जानने और समाधान सुनिश्चित करने की ईमानदार कोशिश है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि—
- 18 लाख पीएम आवास स्वीकृत किए गए।
- किसानों से 3100 रु. प्रति क्विंटल की दर से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी हुई।
- महतारी वंदन योजना से 70 लाख महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण मिला।
- तेंदूपत्ता पारिश्रमिक 4000 से बढ़ाकर 5500 रु. किया गया।
- अब गांवों में अटल डिजिटल सेवा केंद्रों के माध्यम से बैंक जैसी सुविधाएं मिल रही हैं।
नामांतरण प्रक्रिया को सरल कर रजिस्ट्री के साथ एक घंटे में नामांतरण की सुविधा भी शुरू की गई है।
हितग्राहियों ने अपनी कहानियों से बताया कि योजनाओं ने जीवन बदल दिया है—किसी ने पक्का मकान पाया, किसी ने बेटियों के लिए निवेश किया, तो किसी को ऑनलाइन जमीन का रिकॉर्ड मिला।
उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने इसे शासन की जनता से सीधी जुड़ाव नीति बताया।