बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने वर्ष 2025 के लिए ग्रीष्मावकाश की तिथि में बदलाव करते हुए छुट्टियों की शुरुआत अब 12 मई के बजाय 2 जून से करने का आदेश जारी किया है। इस निर्णय से अधिवक्ताओं में नाराजगी है। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने चीफ जस्टिस से इसे पूर्ववत 12 मई से ही लागू रखने की मांग की है।

बार एसोसिएशन का विरोध, चीफ जस्टिस को सौंपा ज्ञापन

हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष उमाकांत सिंह चंदेल और सचिव वरुणेंद्र मिश्रा ने शुक्रवार शाम चीफ जस्टिस के नाम ज्ञापन सौंपकर आग्रह किया कि पहले से तय 12 मई से 6 जून तक का अवकाश यथावत रखा जाए। बार ने बताया कि ग्रीष्मकालीन अवकाश तिथि में बदलाव को लेकर अधिवक्ताओं से व्हाट्सऐप के माध्यम से जनमत संग्रह किया गया, जिसमें बहुसंख्यक अधिवक्ताओं ने नई तिथि का विरोध किया।

पहले से तय मेडिकल, पारिवारिक और विवाह समारोह प्रभावित

बार एसोसिएशन ने बताया कि अवकाश की तिथि आगे बढ़ाने से अधिवक्ताओं को कई व्यावहारिक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। कई अधिवक्ताओं ने मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए पहले ही बाहर अपॉइंटमेंट ले रखे हैं, कुछ के पारिवारिक व वैवाहिक कार्यक्रम तय हैं, तो कई ने महंगी टिकट बुक कर ली है। इन कारणों से अधिकांश अधिवक्ता चाहते हैं कि छुट्टियों की तिथि में कोई बदलाव न हो।

हाईकोर्ट प्रशासन ने जारी किया संशोधित आदेश

शुक्रवार को रजिस्ट्रार जनरल मनीष सिंह ठाकुर ने चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के निर्देश पर आदेश जारी किया कि हाईकोर्ट का ग्रीष्मकालीन अवकाश अब 2 जून 2025 से 28 जून 2025 तक रहेगा। आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया कि इस अवधि के दौरान यदि कोई अधिवक्ता अपनी अनुपस्थिति के लिए समायोजन का आवेदन देना चाहता है या वर्चुअल रूप से उपस्थित होना चाहता है, तो उसे स्वीकार किया जाएगा।

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