बिलासपुर। कलेक्टर संजय अग्रवाल ने स्वास्थ्य विभाग की कमियों पर नाराज़गी जताते हुए गुरुवार को मंथन सभाकक्ष में चार घंटे तक मैराथन समीक्षा बैठक ली। उन्होंने साफ कहा कि बिलासपुर मैदानी जिला है, जहां न तो कर्मचारियों की कमी है और न ही धन की, फिर भी कई स्वास्थ्य योजनाओं में पिछड़ना चिंता का विषय है। उन्होंने अफसरों को चेतावनी दी कि यदि जल्द सुधार नहीं हुआ तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
27% आयुष्मान कार्ड अब भी नहीं बने, कॉलेज छात्रों की मदद से बनेंगे शिविर
कलेक्टर ने आयुष्मान कार्ड योजना की धीमी प्रगति पर असंतोष जताते हुए कहा कि अब भी 27 प्रतिशत कार्ड नहीं बन पाए हैं। उन्होंने कहा कि जिले के सभी 42 कॉलेजों में शिविर लगाकर युवाओं की मदद से कार्ड बनवाए जाएं। युवा तकनीकी रूप से दक्ष होते हैं, वे न केवल अपना कार्ड बनाएंगे, बल्कि दूसरों को भी प्रेरित करेंगे।
चिरायु योजना में पिछड़ापन, हर बच्चे का हो स्वास्थ्य परीक्षण
कलेक्टर ने चिरायु योजना के तहत आंगनबाड़ी और स्कूल के सभी बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण अनिवार्य रूप से कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पिछली वित्तीय वर्ष में लगभग 20% बच्चे जांच से वंचित रह गए थे, जो अस्वीकार्य है। उन्होंने यह भी कहा कि जिन बच्चों को गंभीर बीमारियों में रेफर किया गया, उनका निःशुल्क इलाज राज्य सरकार द्वारा किया जाता है।
मौसमी बीमारियों पर सतर्कता, सरपंच-सचिव के साथ बनेगा व्हाट्सएप ग्रुप
कलेक्टर ने निर्देश दिए कि गांवों में मौसमी बीमारियों की जानकारी समय पर मिल सके इसके लिए सभी ग्राम सरपंचों और सचिवों के साथ एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाए। उन्होंने कहा कि बारिश के साथ बीमारियों का खतरा बढ़ता है, इस पर नजर रखना जरूरी है।
जन औषधि केंद्र खोलने के निर्देश, मानसिक रोगियों पर भी ध्यान
कलेक्टर ने कोटा, मस्तूरी और तखतपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में जन औषधि केंद्र खोलने के लिए प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए। साथ ही मादक पदार्थों के सेवन और मानसिक रोगियों की इलाज व्यवस्था की जानकारी भी ली।
संजीवनी और महतारी एक्सप्रेस की देरी बर्दाश्त नहीं
उन्होंने संजीवनी और महतारी एक्सप्रेस वाहनों के संचालन की समीक्षा करते हुए कहा कि कॉल के बाद वाहन कितनी देर में मरीज तक पहुंचता है, इसकी सटीक मॉनिटरिंग हो। देरी या कॉल अटेंड न होने पर संबंधित निजी कंपनी का अनुज्ञप्ति निरस्त की जाएगी। वर्तमान में जिले में दोनों योजनाओं के अंतर्गत 18 वाहन कार्यरत हैं।
सरकारी अस्पतालों में उपचार बढ़ाएं, सौम्य व्यवहार से मरीजों को जोड़ें
कलेक्टर ने कहा कि आयुष्मान कार्ड के जरिए सरकारी अस्पतालों में इलाज से न केवल मरीजों को लाभ होता है, बल्कि अस्पताल, डॉक्टर और स्टाफ को भी फायदा होता है। अतः विनम्रता और सेवा भावना के साथ मरीजों को आकर्षित किया जाए।
अनीमिया जांच भी हो पेरेंट टीचर मीटिंग में
उन्होंने कहा कि स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों में आयोजित पेरेंट-टीचर मीटिंग के दौरान अनीमिया की भी जांच की जाए, ताकि समय रहते उपचार संभव हो सके।
बैठक में सीएमएचओ डॉ. प्रमोद तिवारी, सिविल सर्जन डॉ. अनिल गुप्ता, डीईओ डॉ. अनिल तिवारी, डीपीओ सुरेश सिंह, सभी बीएमओ, डीपीएम और राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के नोडल अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की समस्याएं भी सुनी गईं, जिनके समाधान का आश्वासन कलेक्टर ने दिया।