बिलासपुर। बिलासपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 1 पर मंगलवार को रेलवे सुरक्षा बल (RPF) की टीम को चेकिंग के दौरान दो नाबालिग लड़कियां गुमसुम और अकेली बैठी मिलीं। पूछताछ में पता चला कि दोनों बिना किसी को बताए घर से भागकर यहां आ पहुंची थीं।

घरवालों से नाराज़ होकर भागीं, RPF ने समय रहते बचाया

महिला आरक्षक निधि और सब इंस्पेक्टर पी.एल. राजवाड़े ने जब इनसे बातचीत की, तो एक लड़की ने अपना नाम बताया। (16 वर्ष की किशोरी रायपुर की और दूसरी 13 वर्ष लड़की बलिया उत्तप्रदेश की हैं। दोनों ने बताया कि वे घरवालों से नाराज होकर बिना बताए ट्रेन में बैठ गईं और बिलासपुर आ गईं।

आरपीएफ ने निभाई जिम्मेदारी, चाइल्डलाइन को सौंपा

आरपीएफ ने तुरंत मानवीय संवेदनशीलता दिखाते हुए दोनों को सुरक्षित RPF पोस्ट लाया और नियमानुसार कार्रवाई करते हुए उन्हें चाइल्डलाइन बिलासपुर के सुपुर्द किया।

‘ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते’ के तहत चल रही खास मुहिम

मंडल रेल प्रबंधक राजमल खोईवाल के मार्गदर्शन में चल रहे “ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते” के तहत RPF न सिर्फ यात्रियों की सुरक्षा कर रही है, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी भी निभा रही है।

इस विशेष अभियान के तहत RPF द्वारा प्लेटफार्म और ट्रेनों में घूमते, गुमशुदा और लावारिस बच्चों की पहचान कर उन्हें सुरक्षित चाइल्ड हेल्प डेस्क या उनके परिजनों से मिलाया जाता है।

अब तक 155 बच्चों को सुरक्षित किया गया

RPF बिलासपुर मंडल द्वारा वर्ष 2024-25 में कुल 155 बच्चों को रेस्क्यू किया गया है, जिनमें 54 लड़कियां और 101 लड़के शामिल हैं।

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