बिलासपुरसाउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे (SECR) को लोको पायलट प्रमोशन परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं का दोबारा परीक्षण करना पड़ेगा। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने रेलवे की उस अपील को खारिज कर दिया है जिसमें केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (CAT) के निर्देशों को चुनौती दी गई थी।

CAT ने प्रक्रिया पारदर्शी रखने का दिया निर्देश

  • रेलवे ने 2014 में लोको पायलट के सात पदों के लिए विभागीय परीक्षा ली।
  • 56 कर्मचारियों ने लिखित परीक्षा दी, 18 पास हुए।
  • अंतिम गणना के बाद सिर्फ चार अभ्यर्थी प्रमोशन के योग्य माने गए।
  • कर्मचारी सनत राव को 54.5 अंक मिले थे। उन्होंने मॉडल आंसर के आधार पर दोबारा जांच की मांग की।
  • रेलवे ने उत्तरपुस्तिका फिर देखी और तीन अंक जोड़े, अंक 57.5 हो गए, फिर भी चयन नहीं मिला।
  • इसी पर सनत राव ने CAT में आवेदन दायर किया। CAT ने विशेषज्ञ समिति बनाकर पूरी कॉपी री-चेक करने और प्रक्रिया पारदर्शी रखने का निर्देश दिया।

हाईकोर्ट ने CAT के आदेश को गलत नहीं माना

रेलवे ने CAT के आदेश को “गलत” बताते हुए हाईकोर्ट में अपील की थी। कोर्ट ने साफ किया कि

  • CAT ने कोई फाइनल चयन नहीं किया, सिर्फ दोबारा जांच का कहा।
  • इससे चयन प्रक्रिया पारदर्शी होगी, लिहाजा आदेश गलत नहीं ठहराया जा सकता।
  • चयनित अभ्यर्थियों को पक्षकार न बनाना गंभीर त्रुटि नहीं है क्योंकि यह आदेश किसी की नियुक्ति रद्द नहीं करता बल्कि सभी के अंकों की शुद्धता तय करेगा।

हाईकोर्ट के फैसले के बाद SECR को अब विशेषज्ञ समिति बनाकर उत्तरपुस्तिकाओं की समीक्षा करनी होगी।

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