बिलासपुर। बिल्हा ब्लॉक के अकलतरी गांव की महिला स्व-सहायता समूह की दीदियां मंगलवार को जनदर्शन में कलेक्टर संजय अग्रवाल से मिलने पहुंचीं। उन्होंने बताया कि वे पिछले दो सालों से बिलासा पशु आहार संयंत्र में पशु-पक्षियों के लिए चारा बना रही हैं, लेकिन उनका 45 लाख रुपए का भुगतान अब तक लंबित है। दीदियों ने कहा कि वे पशुपालन विभाग के मार्गदर्शन में लगातार काम कर रही हैं, लेकिन मेहनताना नहीं मिलने से आर्थिक दिक्कतें बढ़ गई हैं। इस पर कलेक्टर ने मामले को संयुक्त संचालक, पशुपालन विभाग को सौंपते हुए जांच और भुगतान की कार्यवाही के निर्देश दिए।

कचरा उठाने वाली महिलाओं का भी भुगतान रुका
तखतपुर ब्लॉक की नेवरा पंचायत से आईं मरियम महिला समूह की सुशीला बाई ने बताया कि अप्रैल 2024 से वे गांव में सफाई कर्मचारी के रूप में काम कर रही हैं, लेकिन अभी तक उन्हें मेहनताना नहीं मिला है। साथ ही उन्होंने ग्लव्स, ड्रेस और जूते जैसे सुरक्षात्मक सामान की मांग भी की। कलेक्टर ने इस पर सीईओ जिला पंचायत को तुरंत कार्यवाही करने को कहा।

आवास की राशि में गड़बड़ी की शिकायत
कोटा ब्लॉक के ग्राम तेंदूआ निवासी जियाराम ने आरोप लगाया कि उनके पिता के नाम स्वीकृत आवास की राशि किसी और ने निकाल ली है। उन्होंने बताया कि पिता की मौत के बाद आईडी में उनकी मां का नाम नॉमिनी के रूप में दर्ज है, फिर भी रोजगार सहायक ने गड़बड़ी करते हुए किसी और के नाम पर जियो टैग कर पैसा निकाल लिया। कलेक्टर ने मामले की जांच के निर्देश सीईओ जिला पंचायत को दिए हैं।

जमीन लौटाने की मांग और मुआवजे की गुहार
बेलगहना के मंगल सिंह ने कहा कि उन्होंने अपनी एक एकड़ जमीन 80 हजार रुपए में गिरवी रखी थी, लेकिन अब पैसा लौटाने के बाद भी जमीन वापस नहीं मिल रही है। उन्होंने भूमि पर कब्जा दिलाने की मांग की। वहीं, तखतपुर के रमेश मानिकपुरी ने आकाशीय बिजली से पत्नी की मौत पर मुआवजा देने की मांग की। कलेक्टर ने सभी आवेदनों को संबंधित अधिकारियों को सौंपकर जल्द कार्रवाई के निर्देश दिए।

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