भजन-कीर्तन के बीच गूूंजे ढोल नगाड़े, हजारों श्रद्धालु बने साक्षी
रायपुर। जशपुर जिले के ऐतिहासिक जगन्नाथ मंदिर, दोकड़ा में इस साल भी रथ यात्रा महोत्सव परंपरागत श्रद्धा, भक्ति और उत्साह के साथ मनाया गया। शुक्रवार को रथ यात्रा की शुरुआत से पहले मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उनकी धर्मपत्नी कौशल्या देवी साय ने मंदिर में भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की विधिवत पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की खुशहाली की कामना की।
मुख्यमंत्री साय ने पुरानी परंपरा के अनुसार झाड़ू लगाकर ‘छेरा-पहरा’ की रस्म निभाई और फिर रथ यात्रा में शामिल हुए। हजारों श्रद्धालु भगवान के रथ को रस्सी से खींचते हुए जय जगन्नाथ के नारों के साथ आगे बढ़े। भजन-कीर्तन और ढोल-नगाड़ों की गूंज से माहौल भक्तिमय हो गया।
रथ यात्रा मुख्य मार्गों से होते हुए मौसीबाड़ी तक पहुंची, जहां भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा नौ दिन तक विराजेंगे। इस दौरान विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन होंगे। 5 जुलाई को भगवान की ‘शुभ वापसी’ दोकड़ा मंदिर में होगी।
1942 से चली आ रही परंपरा
दोकड़ा में रथ यात्रा की शुरुआत वर्ष 1942 में स्वर्गीय सुदर्शन सतपथी और उनकी धर्मपत्नी सुशीला सतपथी ने की थी। तब से यह परंपरा निरंतर जारी है और अब यह आयोजन एक बड़े धार्मिक मेले का रूप ले चुका है, जिसमें क्षेत्रभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं।
भक्ति संगीत और सांस्कृतिक झांकियों ने सजाया माहौल
इस मौके पर ओडिशा से आईं कीर्तन मंडलियों ने भक्ति संगीत की सुंदर प्रस्तुतियां दीं, वहीं विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक झांकियों ने भगवान जगन्नाथ की महिमा और भारतीय संस्कृति की विविधता को शानदार तरीके से प्रस्तुत किया।
मेले में उमड़ी भीड़, बच्चों और युवाओं के लिए आयोजन
जगन्नाथ मंदिर समिति के अनुसार यह महोत्सव नौ दिनों तक चलेगा। मंदिर परिसर और गांव में धार्मिक अनुष्ठानों, भजन-कीर्तन, प्रतियोगिताओं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रहेगी। दोकड़ा में लगे मेले में झूले, पारंपरिक हस्तशिल्प की दुकानें, व्यंजनों के स्टॉल और मनोरंजन के अन्य साधन लोगों को आकर्षित कर रहे हैं।