रायपुर। राजधानी रायपुर के गायत्री नगर स्थित जगन्नाथ मंदिर में शुक्रवार को रथयात्रा महोत्सव का आयोजन पारंपरिक श्रद्धा और विधि-विधान के साथ किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उनकी धर्मपत्नी रानी डेका काकोटी उपस्थित रहे। सभी ने भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की पूजा-अर्चना की और परंपरागत ‘छेरापहरा’ की रस्म निभाई।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रथयात्रा का मार्ग सोने की झाड़ू से बुहारते हुए छेरापहरा की परंपरा पूरी की और भगवान की प्रतिमाओं को रथ तक ले जाकर स्थापित किया। रथयात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
सीएम ने कहा- रथयात्रा सांस्कृतिक साझेदारी का प्रतीक
मुख्यमंत्री ने कहा कि रथयात्रा केवल ओडिशा ही नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के लिए भी एक महत्वपूर्ण पर्व है। उन्होंने भगवान जगन्नाथ से राज्य में अच्छी वर्षा और समृद्ध फसल की कामना की। साय ने कहा कि भगवान जगन्नाथ किसानों के रक्षक माने जाते हैं और उनकी कृपा से ही खेतों में हरियाली आती है।
रथयात्रा के पीछे है पुरानी सांस्कृतिक परंपरा
पुरी (ओडिशा) की तर्ज पर हर साल रायपुर में भी यह आयोजन होता है। मंदिर के पुजारियों के अनुसार, यह उत्सव उत्कल संस्कृति और दक्षिण कोसल के बीच सांस्कृतिक संबंध का प्रतीक है। मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ का मूल स्थान छत्तीसगढ़ का शिवरीनारायण तीर्थ है, जहां त्रेता युग में भगवान राम ने माता शबरी के प्रेम से अर्पित बेर खाए थे।
जनप्रतिनिधि और श्रद्धालु हुए शामिल
इस मौके पर राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायक पुरंदर मिश्रा, धरम लाल कौशिक सहित अनेक जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक और बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।