बिलासपुर। भारतमाला प्रोजेक्ट में फर्जीवाड़े के आरोपी पटवारी सुरेश शर्मा ने शुक्रवार को अपनी बहन के फार्महाउस में फांसी लगाकर जान दे दी। सकरी पुलिस को मौके पर दो सुसाइड नोट मिले हैं, जिसमें एक में उन्होंने खुद को निर्दोष बताया है और दूसरे में बहाली की मांग की है।
जानकारी के अनुसार, सुरेश शर्मा अयोध्या नगर का रहने वाला था और शुक्रवार सुबह ग्राम जोंकी स्थित अपनी बहन सरस्वती दुबे के फार्महाउस गया था। काफी देर तक वापस न लौटने पर परिजन वहां पहुंचे तो सुरेश का शव कमरे में पंखे से लटका मिला। पुलिस को कमरा भीतर से बंद मिला और जेब से दो सुसाइड नोट बरामद हुए।
एक सुसाइड नोट में लिखा गया है – “मैं दोषी नहीं हूं, मुझे साजिश के तहत फंसाया गया है।” इसमें एक कोटवार, राजस्व निरीक्षक (RI) और एक अन्य व्यक्ति का जिक्र है। वहीं, दूसरे नोट में उन्होंने लिखा – “कलेक्टर साहब, मुझे बहाल कर दीजिए, मेरी कोई गलती नहीं है।”
परिजनों ने बताया कि 24 जून को निलंबन और 25 जून को एफआईआर दर्ज होने के बाद सुरेश मानसिक रूप से बेहद परेशान था। वह 30 जून को रिटायर होने वाला था।
क्या है मामला?
भारतमाला परियोजना के तहत बिलासपुर-उरगा राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए जमीन अधिग्रहण में ढेंका गांव में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मुआवजा बांटने की शिकायत हुई थी। जांच में पाया गया कि कुछ लोगों के नाम गलत तरीके से रिकॉर्ड में दर्ज कर ज्यादा मुआवजा दिलवाया गया, जिससे सरकार को आर्थिक नुकसान हुआ। इस मामले में तहसीलदार डीएस उइके और पटवारी सुरेश मिश्रा के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचना सहित कई धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई थी।
फिलहाल सकरी पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। सुसाइड नोट की जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।