बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में अब डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को अदालत में पेश होकर गवाही देने की जरूरत नहीं होगी। राज्य के सभी 23 जिला अदालतें और जिला अस्पताल अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से आपस में जुड़ गए हैं। इसका मतलब ये है कि अब मेडिकल रिपोर्ट और डॉक्टरों के बयान वर्चुअली लिए जा सकेंगे। इस नई सुविधा की शुरुआत हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने वर्चुअली की।
इस कदम से अदालत की कार्यवाही न सिर्फ तेज होगी, बल्कि पेपरलेस और पारदर्शी भी बनेगी। अब डॉक्टरों को दूर-दराज से कोर्ट आने की जरूरत नहीं होगी, वे अपने अस्पताल से ही वीडियो कॉल के जरिए अदालत की प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे।
इसके साथ ही रायगढ़, जांजगीर-चांपा, कोरबा और बेमेतरा जिला अदालतों में डिजिटाइजेशन और स्कैनिंग सेंटर भी शुरू कर दिए गए हैं। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने कहा कि इन सेंटरों के शुरू होने से अब पूरे छत्तीसगढ़ में अदालतों का डिजिटलीकरण पूरा हो गया है, जो न्याय व्यवस्था के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
चीफ जस्टिस ने खुशी जताते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ अब ई-कोर्ट मिशन में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है। खास बात ये है कि अब अदालतों से जारी समन भी ई-समंस के जरिए भेजे जाएंगे। इससे न सिर्फ समय की बचत होगी, बल्कि केस की सुनवाई में बार-बार तारीख टलने की परेशानी भी कम होगी।
अब मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर कोर्ट से सीधे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जुड़कर गवाही दे सकेंगे। इससे मेडिकल स्टाफ की सुविधा बढ़ेगी और अदालत की प्रक्रिया भी पहले से ज्यादा आसान और तेज होगी।