देहरादून। उत्तराखंड में लगातार बारिश और बादल फटने की वजह से तबाही मच गई है। यमुनोत्री हाईवे पर बड़कोट के पास बालिगढ़ इलाके में शनिवार देर रात बादल फटा, जिससे एक निर्माणाधीन होटल के पास काम कर रहे करीब 20 मजदूर मलबे में दब गए या बह गए।
राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीम ने अब तक 11 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया है। एक मजदूर का शव मलबे से बरामद हुआ है, जबकि दो और शव घटनास्थल से 18 किलोमीटर दूर मिले हैं। अभी भी 6 लोग लापता हैं जिनकी तलाश जारी है।
बादल फटने की इस घटना से यमुनोत्री हाईवे का करीब 10 मीटर हिस्सा पूरी तरह बह गया है, जिससे श्रद्धालुओं का यह प्रमुख रास्ता बंद हो गया है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने चारधाम यात्रा को 24 घंटे के लिए रोक दिया है।
गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने बताया कि भारी बारिश को देखते हुए एहतियातन चारधाम यात्रा रोकी गई है। प्रशासन ने हरिद्वार, ऋषिकेश, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, सोनप्रयाग और विकासनगर में यात्रियों को रोकने के निर्देश दिए हैं।
शनिवार रात से पर्वतीय जिलों में तेज बारिश हो रही है, जिससे प्रमुख नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों में बह रही मंदाकिनी और अलकनंदा नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे नदियों के किनारे बसे गांवों को खतरा बढ़ गया है।
SDRF के कमांडेंट अर्पण यादववंशी ने बताया कि दोनों जिलों में पुलिस लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील कर रही है। SDRF की टीमें लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं और लोगों को नदी किनारे जाने से मना किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हादसे पर चिंता जताई है और लापता मजदूरों को लेकर ट्वीट कर संवेदना जाहिर की है।
आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि पुलिस और सेना की टीमें राहत कार्य में लगी हैं। SDRF और NDRF के करीब 15 जवान मौके पर हैं और 45 और जवान वहां भेजे जा रहे हैं। इलाके की कठिन भौगोलिक स्थिति के कारण भारी मशीनें वहां नहीं पहुंच पा रही हैं, इसलिए रेस्क्यू का काम हाथों से किया जा रहा है। मजदूर या तो मलबे में दबे हैं, चट्टानों पर फंसे हैं या नदी में बह गए हैं।
इधर देहरादून शहर भी बारिश से अछूता नहीं रहा। यहां कारगी इलाके में एक दोमंजिला मकान ढह गया, हालांकि समय रहते परिवार को बाहर निकाल लिया गया जिससे बड़ी अनहोनी टल गई।