रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में सोमवार को मंत्रालय (महानदी भवन) में हुई कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। बैठक में किसानों से लेकर कर्मचारियों और व्यापारियों तक, सभी के हित में निर्णय लिए गए हैं। आइए जानते हैं क्या-क्या फैसले हुए—
🌾 1. अब सिर्फ धान नहीं, बाकी फसलों के किसान भी पाएंगे मदद
कृषक उन्नति योजना का दायरा बढ़ाया गया है। अब धान के बजाय अगर कोई किसान दाल, तेलहन, मक्का जैसी फसलें बोता है, तो उसे भी योजना का लाभ मिलेगा।
जो किसान साल 2024 में धान बेच चुके हैं और 2025 में अन्य फसल बोएंगे, उन्हें भी मदद मिलेगी। इससे किसानों को फसल बदलने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा और खेती का दायरा बढ़ेगा।
👨💼 2. कर्मचारियों की पेंशन के लिए नया कानून
राज्य सरकार के कर्मचारियों की पेंशन की बेहतर व्यवस्था के लिए ‘छत्तीसगढ़ पेंशन फंड बिल 2025’ को मंजूरी मिली है। यह बिल भविष्य में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।
📈 3. आर्थिक संकट से निपटने को ‘विकास और स्थिरता फंड’
राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने और मुश्किल समय में काम आने के लिए ‘छत्तीसगढ़ ग्रोथ एंड स्टेबिलिटी फंड’ का गठन किया जाएगा। यह फंड सरकार की आमदनी में उतार-चढ़ाव से निपटने में मदद करेगा।
🚚 4. छत्तीसगढ़ बनेगा लॉजिस्टिक्स हब
राज्य में ‘छत्तीसगढ़ स्टेट लॉजिस्टिक्स पॉलिसी 2025’ को हरी झंडी दी गई है। इससे राज्य में गोडाउन, ड्राय पोर्ट और कंटेनर डिपो बनाए जाएंगे, जिससे व्यापार बढ़ेगा और युवाओं को रोजगार मिलेगा।
इस नीति से छोटे उद्योगों और किसानों को भी एक्सपोर्ट का मौका मिलेगा और छत्तीसगढ़ देश का लॉजिस्टिक्स हब बन सकता है।
⚖️ 5. पुराने कानूनों में बदलाव, अब कम मुकदमे और ज्यादा सुविधा
‘जन विश्वास संशोधन विधेयक 2025’ के तहत कुछ पुराने राज्य कानूनों को आसान बनाया जाएगा। इसका मकसद लोगों और व्यापारियों को अनावश्यक कानूनी झंझटों से राहत देना है।
🏗️ 6. जर्जर बिल्डिंगों की होगी नई पहचान
शहरी विकास की दिशा में 7 पुराने सरकारी परिसरों और खाली पड़ी जमीनों के विकास को मंजूरी मिली है। इनमें रायपुर, राजनांदगांव, जगदलपुर, कांकेर, महासमुंद और कोरबा के स्थान शामिल हैं।
📄 7. पदोन्नति के लिए अब दो साल की सेवा भी चलेगी
व्यापार कर विभाग में सीनियर क्लर्क से उप-पंजीयक के प्रमोशन के लिए जरूरी सेवा अवधि 5 साल से घटाकर 2 साल कर दी गई है। यह छूट एक बार के लिए दी गई है ताकि पदोन्नति में देरी न हो।