बिलासपुर। केंद्रीय कोयला एवं खान राज्यमंत्री सतीश चंद्र दुबे ने कहा है कि अत्याधुनिक तकनीक की मदद से देश की भूमिगत खदानों से कोयला उत्पादन को बढ़ाना सरकार का बड़ा लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि साल 2030 तक इन खदानों से 100 मिलियन टन कोयला निकालने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए कंटीन्यूअस माइनर जैसी आधुनिक मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

मंगलवार को अपने दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन सतीश चंद्र दुबे एसईसीएल के बैकुंठपुर क्षेत्र पहुंचे। इस दौरान उन्होंने चिरमिरी क्षेत्र की एनसीपीएच खदान में नए कंटीन्यूअस माइनर मशीन का उद्घाटन किया और हरी झंडी दिखाकर इसे रवाना किया। उन्होंने कहा, “इस नई मशीन से एसईसीएल की भूमिगत खदानों का उत्पादन और मजबूत होगा।”

मंत्री ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 10 सालों में देश के हर घर तक बिजली पहुंची है, और इसमें कोयला खनिकों का बड़ा योगदान है। उन्होंने खुशी जताई कि आज कोयला उद्योग में महिलाएं भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं और अपनी नई पहचान बना रही हैं।

दौरे की शुरुआत में बैकुंठपुर में उनका सैला नृत्य के साथ भव्य स्वागत किया गया। इसके बाद उन्होंने “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के तहत चरचा खदान परिसर में पेड़ लगाए। साथ ही, चरचा खदान में नए पंखाघर (मुख्य मैकेनिकल वेंटिलेटर) का उद्घाटन किया, जो खदान में स्वच्छ हवा का प्रवाह सुनिश्चित करेगा। इससे श्रमिकों को बेहतर और सुरक्षित काम करने का माहौल मिलेगा।

महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देते हुए मंत्री ने खदान में कार्यरत महिला कर्मचारियों के लिए बायो-टॉयलेट का भी उद्घाटन किया। इसके बाद एक समारोह में उन्होंने उत्कृष्ट कर्मचारियों, खासकर महिला कर्मियों और ठेका श्रमिकों को सम्मानित किया, जिससे उनका हौसला और बढ़ा।

इस मौके पर एसईसीएल के सीएमडी हरीश दुहन, निदेशक (तकनीकी) एन. फ्रैंकलिन जयकुमार, निदेशक (एचआर) बिरंची दास, निदेशक (वित्त) डी. सुनील कुमार, बैकुंठपुर क्षेत्रीय महाप्रबंधक बीएन झा, बैकुंठपुर विधायक भैयालाल राजवाड़े, जिला कलेक्टर चंदन संजय त्रिपाठी, जिला एसपी रवि कुमार कुर्रे और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

 

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