बिलासपुर, 5 जुलाई। छत्तीसगढ़ के चर्चित कोयला घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा की गई संपत्तियों की जब्ती के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की गई है। यह अपील सौम्या चौरसिया, सूर्यकांत तिवारी और उनके परिवार की संपत्ति जब्त किए जाने को लेकर की गई है। इस मामले में हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा की डिवीजन बेंच में पांच दिन तक बहस चली। अब कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।

आरोप: दस्तावेज के बिना संपत्ति जब्त की गई

याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि ईडी ने बिना पुख्ता दस्तावेजों के उनकी संपत्तियां जब्त कर लीं। उन्होंने कहा कि ईडी सिर्फ सह-आरोपियों के बयानों के आधार पर कार्रवाई कर रही है, जबकि किसी भी संपत्ति को लेकर स्पष्ट सबूत पेश नहीं किए गए हैं।

49.73 करोड़ की संपत्ति जब्त

ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (PMLA) के तहत अब तक करीब 49.73 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्तियां अस्थायी रूप से जब्त की हैं। इसमें बैंक बैलेंस, गाड़ियां, नकद रकम, गहने और जमीन शामिल हैं। ये संपत्तियां मुख्य आरोपी सूर्यकांत तिवारी और उनके करीबियों की बताई जा रही हैं।

नेताओं और अधिकारियों की मिलीभगत का आरोप

ईडी की जांच में यह बात सामने आई है कि पिछले शासन के कुछ नेताओं और बड़े अधिकारियों की मिलीभगत से कोयला ट्रांसपोर्टरों से जबरन वसूली की गई। इसी कड़ी में सूर्यकांत तिवारी के साथ-साथ उनके भाई रजनीकांत तिवारी, कैलाश तिवारी, दिव्या तिवारी और सौम्या चौरसिया, उनके भाई अनुराग चौरसिया, मां शांति देवी और अफसर समीर विश्नोई की संपत्तियां भी जब्त की गईं।

हाईकोर्ट में दायर की गईं 10 याचिकाएं

इन सभी जब्तियों के खिलाफ हाईकोर्ट में कुल 10 अलग-अलग याचिकाएं लगाई गई हैं। पांच दिन तक चली सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता हर्षवर्धन पारगनिहा, निखिल वर्श्नेय, शशांक मिश्रा और अभ्युदय त्रिपाठी ने पक्ष रखा।

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