यह केस सिर्फ एक अपराध की कहानी नहीं, बल्कि सत्ता के दुरुपयोग के खिलाफ हिम्मत और इंसाफ की जीत का प्रतीक है।

Blive digital desk updated 

बेंगलुरु। कर्नाटक के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना की सियासी ताकत आज उस वक्त धूल में मिल गई, जब बेंगलुरु की विशेष अदालत ने उन्हें बलात्कार और यौन उत्पीड़न के मामले में उम्रकैद की सजा सुना दी। 47 साल की एक घरेलू सहायिका के साथ 2021 में हासन के फार्महाउस में हुई ज्यादती का यह मामला तब सामने आया, जब प्रज्वल के गुस्साए ड्राइवर ने 2,970 अश्लील वीडियो वाली पेन ड्राइव लीक कर दी। इस सनसनीखेज केस ने न सिर्फ रेवन्ना परिवार की सियासत को हिलाया, बल्कि पूरे देश में हंगामा मचा दिया।

क्या हुआ था उस फार्महाउस में?

बात 2021 की है, जब कोविड लॉकडाउन ने सबको घरों में कैद कर रखा था। हासन के गन्निकदा फार्महाउस और बेंगलुरु के बसवनगुडी में प्रज्वल ने अपने घर में काम करने वाली 47 साल की महिला के साथ दो बार बलात्कार किया। इतना ही नहीं, उसने इन घटनाओं को अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया। अप्रैल 2024 में यह मामला तब फट पड़ा, जब प्रज्वल का ड्राइवर कार्तिक, जो उससे तनख्वाह और बुरे बर्ताव से नाराज था, ने एक पेन ड्राइव में 2,970 वीडियो लीक कर दिए। इन वीडियो में प्रज्वल की कई महिलाओं के साथ ज्यादती के सबूत थे। हासन की गलियों से लेकर दिल्ली तक यह पेन ड्राइव चर्चा का विषय बन गई। पीड़िता ने हिम्मत जुटाकर होलेनरसीपुरा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की, और फिर विशेष जांच दल (एसआईटी) ने कमर कस ली।

कोर्ट में कैसे पकड़ा गया?

बेंगलुरु की विशेष अदालत में 14 महीने तक चली सुनवाई में एसआईटी ने पक्के सबूतों का पहाड़ खड़ा कर दिया। कोर्ट ने प्रज्वल को बलात्कार, यौन उत्पीड़न और निजता भंग करने का दोषी ठहराया। सबूतों में ये चीजें थीं:

  • वीडियो का सच: प्रज्वल के मोबाइल से रिकॉर्ड वीडियो, जिनमें उसकी आवाज और शारीरिक बनावट की फोरेंसिक जांच से पुष्टि हुई।
  • डीएनए का सबूत: पीड़िता ने अपनी साड़ी संभालकर रखी थी, जिस पर प्रज्वल का डीएनए मिला।
  • मोबाइल लोकेशन: डेटा से साबित हुआ कि अपराध के वक्त प्रज्वल वहां मौजूद था।
  • गवाहों की ताकत: 113 गवाहों और 180 दस्तावेजों ने अभियोजन पक्ष को अटूट बना दिया।

प्रज्वल ने कोर्ट में टालमटोल की कोशिश की, जैसे वीडियो की कॉपी मांगना या वकील न होने का बहाना बनाना, लेकिन कोर्ट ने उसकी एक न सुनी। सजा सुनते वक्त प्रज्वल कोर्ट में फूट-फूटकर रोया, और लोग इसे उसकी हार का पल बता रहे हैं।

पीड़िता की जंग

47 साल की पीड़िता, जो रेवन्ना परिवार के फार्महाउस में सालों से काम करती थी, ने सियासी रसूख के सामने हार नहीं मानी। प्रज्वल के माता-पिता, एच.डी. रेवन्ना और भवानी, ने कथित तौर पर उसे अपहरण करके गवाही रोकने की कोशिश की। लेकिन एसआईटी ने उसे के.आर. नगर के एक फार्महाउस से छुड़ाया। पीड़िता ने अपनी साड़ी को सबूत के तौर पर संभाला, जो डीएनए जांच में गेम-चेंजर साबित हुआ। उसके वकील अशोक नायक ने कहा, “यह सिर्फ एक महिला की जीत नहीं, बल्कि हर उस शख्स की जीत है, जो सत्ता से लड़ता है।”

ड्राइवर की बगावत ने बदली कहानी

इस केस का सबसे मजेदार तथ्य है कार्तिक की बगावत। प्रज्वल का ड्राइवर कार्तिक कई सालों से उसके साथ था, लेकिन कम तनख्वाह और रोज का अपमान उसे खा गया। गुस्से में उसने प्रज्वल के लैपटॉप से वीडियो कॉपी किए और पेन ड्राइव बनाकर लीक कर दी। यह पेन ड्राइव हासन से लेकर दिल्ली तक पहुंची और प्रज्वल की सारी करतूतें बेपर्दा हो गईं। लोग कहते हैं, अगर कार्तिक का गुस्सा न फूटता, तो शायद यह केस कभी सामने न आता!

सियासी रसूख और उसका पतन

प्रज्वल रेवन्ना का परिवार कर्नाटक की सियासत का बड़ा नाम है। वह पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा के पौत्र और पूर्व मंत्री एच.डी. रेवन्ना के बेटे हैं। उनके चाचा एच.डी. कुमारस्वामी कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री हैं। 2019 में प्रज्वल हासन से जद(एस) के टिकट पर सांसद बने और 2024 में भाजपा के साथ गठबंधन में लड़े। लेकिन इस घोटाले ने उनकी सियासी ज़मीन खिसका दी। जद(एस) ने पहले उनका बचाव किया, लेकिन जनता के गुस्से और कांग्रेस के हमले के बाद उन्हें निलंबित कर दिया। प्रज्वल अप्रैल 2024 में जर्मनी भाग गए, लेकिन 31 मई को बेंगलुरु हवाई अड्डे पर धर लिए गए। 2024 का लोकसभा चुनाव वह हार गए, और अब उनकी सियासी पारी खत्म मानी जा रही है।

परिवार ने मुंह मोड़ा

प्रज्वल के परिवार ने खुलकर उनका साथ नहीं दिया। उनके पिता एच.डी. रेवन्ना ने कहा, “अगर वह दोषी है, तो उसे फांसी दे दो।” दादा देवेगौड़ा और चाचा कुमारस्वामी ने भी चुप्पी साध ली। प्रज्वल के माता-पिता पर पीड़िता के अपहरण का आरोप है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भवानी की जमानत याचिका खारिज कर दी। सजा के दौरान कोर्ट में कोई परिवारवाला नहीं दिखा।

अभी चार ऐसे ही केस बाकी

प्रज्वल के खिलाफ तीन और बलात्कार और एक यौन उत्पीड़न का केस बाकी है। इनमें शामिल हैं:

  • रसोइया और उसकी बेटी का केस: एक रसोइया के साथ बलात्कार और उसकी बेटी के साथ वीडियो कॉल पर उत्पीड़न का आरोप।
  • पंचायत सदस्य का मामला: हासन की एक जिला पंचायत सदस्य के साथ तीन साल तक यौन शोषण।
  • आंध्र प्रदेश हत्या केस: 2019 में वाई.एस. विवेकानंद रेड्डी की हत्या में प्रज्वल की कथित संलिप्तता।
    इन केसों की सुनवाई चल रही है, और लोग इंतजार कर रहे हैं कि इनमें क्या होगा।

कुछ और तथ्य जो आप जानना चाहेंगे

  • सजा की रफ्तार: यह केस सिर्फ 14 महीने में पूरा हुआ, जो हाई-प्रोफाइल केस के लिए बहुत तेज है। लोग हैरान हैं कि इतना रसूख होने के बावजूद प्रज्वल कैसे फंसा!
  • महिलाओं का गुस्सा: कर्नाटक में महिला संगठनों ने पीड़िता की हिम्मत की तारीफ की। लेकिन कई पीड़ित डर की वजह से सामने नहीं आईं।
  • पेन ड्राइव का सफर: कार्तिक ने पेन ड्राइव पहले स्थानीय नेताओं को दी, जो बाद में वायरल हो गई। लोग पूछते हैं कि इतने वीडियो उसने कैसे जमा किए!
  • सियासी भूचाल: इस केस ने जद(एस)-भाजपा गठबंधन को हिलाया और कर्नाटक में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाए।

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