रायपुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में माओवादियों ने एक 25 साल के युवक, कल्लू ताती, को अगवा कर मार डाला। वह सरकारी स्कूल में ‘शिक्षादूत’ (अस्थायी शिक्षक) के रूप में काम करता था। शुक्रवार शाम स्कूल से लौटते समय माओवादियों ने कल्लू ताती का अपहरण कर लिया था और देर रात उन्हें मौत के घाट उतार दिया। बस्तर के पुलिस महानिरीक्षक पी. सुंदरराज ने बताया कि कल्लू ताती बस्तर क्षेत्र में पिछले दो साल में मारे गए आठवें शिक्षादूत हैं। इस साल 2025 में ऐसी छह हत्याएं हो चुकी हैं।

पुलिस के अनुसार, माओवादी शिक्षादूतों को पुलिस का मुखबिर समझकर निशाना बना रहे हैं। सुंदरराज ने कहा कि माओवादी इन हत्याओं के जरिए स्थानीय लोगों, खासकर बच्चों को शिक्षा से वंचित करना चाहते हैं। उनका मानना है कि शिक्षित समाज उनकी पुरानी, क्रूर और विकास-विरोधी विचारधारा का समर्थन नहीं करेगा।

27 अगस्त को सुकमा जिले में और 15 अगस्त को नारायणपुर जिले में भी एक-एक शिक्षादूत की हत्या हुई थी।

सामाजिक कार्यकर्ता बेला भाटिया ने इस घटना की निंदा की। उन्होंने कहा कि ऐसी हत्याएं बस्तर की समस्याओं का समाधान नहीं करतीं, बल्कि मृतक के परिवार और स्थानीय समुदाय के लिए नई समस्याएं पैदा करती हैं। उन्होंने सभी पक्षों से हिंसा रोकने की अपील की।

इसी माह शिक्षादूत लक्ष्मण बारसे की भी हत्या कर दी गई थी।

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