भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच पर विरोध की लहर, पहलगाम हमले की छाया में आज एशिया कप मुकाबला

दिल्लीपहलगाम आतंकी हमले के पांच महीने बाद आज शाम दुबई में भारत और पाकिस्तान के बीच एशिया कप 2025 का मुकाबला होने वाला है, लेकिन देशभर में इसका जोरदार विरोध हो रहा है। सुबह तक की ताजा अपडेट्स के मुताबिक, राजनीतिक दल, शहीदों के परिवार और आम लोग मैच के बहिष्कार की अपील कर रहे हैं। वे कहते हैं कि आतंकवाद के सामने क्रिकेट नहीं खेला जा सकता। बीसीसीआई पर दबाव बढ़ रहा है, लेकिन मैच रद्द करने का कोई फैसला नहीं हुआ। इस बारे में सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई एक याचिका भी खारिज कर दी गई है।

विरोध और प्रदर्शन का सिलसिला तेज 

देश के कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हुए। दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए मैच का विरोध किया। AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पहलगाम हमले के शहीदों का अपमान है यह मैच। उन्होंने दिल्ली के क्लबों को मैच दिखाने से मना किया और केंद्र पर हमले के शिकार परिवारों को अपमानित करने का आरोप लगाया। लखनऊ विश्वविद्यालय समेत कई जगहों पर छात्रों और युवाओं ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किए और बीसीसीआई का पुतला फूंका। प्रदर्शनकारियों के पोस्टरों पर लिखा था “आतंक के साथ क्रिकेट नहीं”। विपक्षी दलों ने भी केंद्र और बीसीसीआई को घेरा। शिवसेना यूबीटी की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, “बीसीसीआई और सरकार मैच रद्द नहीं कर सकती तो हम नागरिकों को बहिष्कार करना चाहिए। आतंक से बड़ा क्रिकेट नहीं”।

पहलगाम हमले में मारे गए कानपुर के व्यवसायी शुभम द्विवेदी की पत्नी ऐशान्या द्विवेदी ने भावुक अपील की: “स्टेडियम मत जाओ, टीवी मत चालू करो। बीसीसीआई और स्पॉन्सर्स को शहीदों की फिक्र नहीं, लेकिन हमें तो है। 26 परिवारों के दर्द को मत भूलो”। कई अन्य शहीद परिवारों ने भी बहिष्कार की मांग की, कहते हुए कि “क्रिकेटर क्या कर रहे हैं? राष्ट्र पहले आना चाहिए”।

खिलाड़ियों और कलाकारों से भी विरोध की आवाजें आईं। भारतीय टीम के कोच ने बॉयकॉट की चर्चाओं पर कहा कि वे तय लाइन पर चल रहे हैं, लेकिन दबाव साफ नजर आ रहा है।

भारत और पाकिस्तान के बीच आज शाम दुबई में होने वाले एशिया कप 2025 के मुकाबले को लेकर देशभर में विरोध तेज है। पहलगाम आतंकी हमले (22 अप्रैल 2025) की पृष्ठभूमि में कई पूर्व क्रिकेटरों और कलाकारों ने सोशल मीडिया पर मैच के बहिष्कार का समर्थन किया है, लेकिन बीसीसीआई से जुड़े बड़े नामों ने अब तक इस मुद्दे पर खुलकर कुछ नहीं कहा। आइए इसे और स्पष्ट करें।

पूर्व खिलाड़ियों और कलाकारों का रुख

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, खासकर एक्स पर, कुछ पूर्व भारतीय क्रिकेटरों और मशहूर हस्तियों ने बहिष्कार की अपील की है। पूर्व भारतीय ओपनर वीरेंद्र सहवाग ने एक्स पर लिखा, “जब तक सीमा पर शांति नहीं, तब तक क्रिकेट का क्या मतलब? शहीदों का सम्मान पहले। #BoycottINDvPAK”। इसी तरह, पूर्व क्रिकेटर कृष्णम्मचारी श्रीकांत ने एक टीवी डिबेट में कहा, “खेल से बढ़कर देश है। बीसीसीआई को रीढ़ दिखानी चाहिए थी”। बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर ने भी इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया, “पहलगाम के शहीदों के परिवारों का दर्द क्रिकेट से ज्यादा बड़ा है। मैं मैच नहीं देखूंगा”।

हालांकि, ये आवाजें व्यक्तिगत हैं और ज्यादातर सेवानिवृत्त खिलाड़ी या गैर-क्रिकेट हस्तियों से आई हैं। वर्तमान भारतीय टीम के खिलाड़ी या बीसीसीआई से जुड़े बड़े नाम जैसे रोहित शर्मा, विराट कोहली, या बीसीसीआई अध्यक्ष रोजर बिन्नी ने कोई बयान नहीं दिया है। बीसीसीआई के एक अधिकारी ने गुमनाम रहते हुए कहा, “हम ICC के नियमों और अनुबंधों के तहत बंधे हैं। मैच रद्द करना हमारे हाथ में नहीं”।

बीसीसीआई के रवैये की आलोचना

बीसीसीआई की तरफ से कोई भी सक्रिय क्रिकेटर या बड़ा प्रशासक खुले तौर पर विरोध में नहीं बोला। इसका कारण माना जा रहा है कि बीसीसीआई इस मैच को ICC के तहत एक अनिवार्य दायित्व मान रही है। साथ ही, भारत-पाकिस्तान मैच से होने वाली भारी वित्तीय कमाई (प्रसारण, प्रायोजन, और टिकट बिक्री से करोड़ों रुपये) भी एक बड़ा कारक है। कुछ पूर्व खिलाड़ियों ने निजी बातचीत में बीसीसीआई के इस रवैये की आलोचना की, लेकिन सार्वजनिक रूप से वे भी सीमित रहे। उदाहरण के लिए, एक पूर्व क्रिकेटर ने कहा, “टीम के मौजूदा खिलाड़ी बोल नहीं सकते, क्योंकि बीसीसीआई का दबाव है”।

विरोध की तुलना में समर्थन बेहद कम

मैच की तरफदारी में कुछ नेता और पूर्व खिलाड़ी बोले कि क्रिकेट शांति का माध्यम है, लेकिन उनका तर्क कमजोर लग रहा है क्योंकि विरोध ज्यादा तेज है।

पूर्व भारतीय कोच राहुल द्रविड़ ने कहा, “क्रिकेट खेल और शांति का प्रतीक है। इसे राजनीति से जोड़ना ठीक नहीं”। हालांकि, ऐसे बयान कम हैं और जनता के गुस्से के सामने कमजोर पड़ रहे हैं। सोशल मीडिया पर #BoycottINDvPAK ट्रेंड्स में यह साफ दिखता है कि जनता का रुझान विरोध की ओर ज्यादा है।

यूएई में आज रात 7 बजे से मैच

यह मैच एशिया कप 2025 का हिस्सा है, जो टी20 फॉर्मेट में खेला जा रहा है। टूर्नामेंट 9 से 28 सितंबर तक यूएई में हो रहा है। भारत-पाकिस्तान मुकाबला ग्रुप ए में आज, 14 सितंबर को दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में शाम 8 बजे IST से शुरू होगा। बीसीसीआई ने सुरक्षा को लेकर सतर्कता बरती है, लेकिन मैच रद्द करने से इनकार किया।

सोशल मीडिया पर #BoycottINDvPAK ट्रेंड कर रहा

एक्स (पूर्व ट्विटर), इंस्टाग्राम और फेसबुक पर #BoycottINDvPAK ट्रेंड कर रहा है। लोग कह रहे हैं: “राष्ट्र पहले, क्रिकेट बाद में”। एक यूजर ने लिखा, “पहलगाम हमले के बाद क्रिकेट? खून और खेल साथ नहीं चल सकते”। दूसरा बोला, “बीसीसीआई ने आत्मा बेच दी, हम न बेचें”। कई ने शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए बहिष्कार की अपील की। इंस्टाग्राम पर रील्स में लोग मैच न देखने की शपथ ले रहे हैं, जबकि फेसबुक पर ग्रुप्स में चर्चा गर्म है।

बीसीसीआई दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड

बीसीसीआई दुनिया की सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड है। 2023-24 में इसकी कमाई 18,700 करोड़ रुपये थी, जिसमें IPL और ICC इवेंट्स से बड़ा हिस्सा। भारत-पाक मैच से दर्शक संख्या ज्यादा होने से ब्रॉडकास्टिंग राइट्स से करोड़ों की कमाई होती है। ICC रेवेन्यू में भारत को 38.5% हिस्सा मिलता है, जो सालाना करोड़ों डॉलर है।

भारत-पाक क्रिकेट सोने की खान

भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच दुनिया के सबसे ज्यादा देखे जाने वाले खेल आयोजनों में से एक है। इस मैच के प्रसारण अधिकार (ब्रॉडकास्टिंग राइट्स) डिज्नी स्टार जैसे प्रमुख प्रसारणकर्ताओं के पास हैं, जिन्होंने एशिया कप 2025 के लिए भारी निवेश किया है। एक अनुमान के मुताबिक, इस एक मैच से डिज्नी स्टार को विज्ञापनों और सब्सक्रिप्शन के जरिए लगभग 2,000-3,000 करोड़ रुपये की कमाई होने की उम्मीद थी। यह कमाई मुख्य रूप से विज्ञापन स्लॉट्स (30 सेकंड के लिए 20-30 लाख रुपये तक) और स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स जैसे डिज्नी+ हॉटस्टार पर बढ़े हुए सब्सक्रिप्शन से आती है। भारत-पाक मैच की दर्शक संख्या 50 करोड़ से ज्यादा होने की संभावना रहती है, जो इसे विज्ञापनदाताओं के लिए सोने की खान बनाती है।

पहलगाम आतंकी हमले (22 अप्रैल 2025) के बाद देशभर में चल रहे विरोध और बहिष्कार की अपील ने इस वित्तीय ढांचे को प्रभावित किया है:

दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में होने वाले इस मैच की टिकट बिक्री में 30-40% की कमी देखी गई है। सामान्य तौर पर भारत-पाक मैच की टिकटें घंटों में बिक जाती हैं, लेकिन इस बार विरोध के कारण भारतीय दर्शकों की संख्या कम होने की आशंका है। टिकटों की कीमत 500 से 5,000 दिरहम (लगभग 11,000 से 1.1 लाख रुपये) तक है, और कम बिक्री से आयोजकों को लाखों का नुकसान हो सकता है।  कई प्रायोजकों ने विरोध के डर से अपने प्रचार अभियानों को सीमित कर दिया है। उदाहरण के लिए, एक प्रमुख भारतीय ब्रांड ने मैच से पहले अपने विज्ञापनों को वापस ले लिया, क्योंकि सोशल मीडिया पर #BoycottINDvPAK ट्रेंड के कारण ब्रांड को नकारात्मक प्रतिक्रिया का डर था। कुछ छोटे प्रायोजकों ने भी अपने लोगो स्टेडियम और प्रसारण से हटा लिए हैं, जिससे प्रायोजन से होने वाली आय में 15-20% की कमी आई है। हालांकि डिज्नी स्टार को अभी भी भारी दर्शक संख्या की उम्मीद है, लेकिन भारत में बहिष्कार की अपील से टीवी और स्ट्रीमिंग दर्शकों की संख्या में 10-15% की कमी हो सकती है। इससे विज्ञापनदाताओं का भरोसा कम हुआ है, और कुछ ने अपने विज्ञापन स्लॉट्स की बुकिंग रद्द कर दी है।

इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने मैच रद्द करने की याचिका खारिज कर दी, कहा कि यह बीसीसीआई का मामला है। सेना के पूर्व अधिकारी और सेलिब्रिटी भी बहिष्कार में शामिल हैं। यह मैच सिर्फ खेल नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सम्मान का सवाल बन गया है। क्या दर्शक बहिष्कार करेंगे? शाम को पता चलेगा। राष्ट्र पहले है, यह संदेश साफ है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here