“सरकार यह मानती है कि सरकारी विज्ञापन में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक की फोटो सुप्रीम कोर्ट के नियमों का उल्लंघन है लेकिन भविष्य में ऐसा नहीं होगा।”
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने विकास यात्रा पर रोक लगाने संबंधी याचिका निराकृत कर दी है। कोर्ट में हुई अंतिम सुनवाई में मंगलवार को याचिकाकर्ता डॉक्टर अजीत आनंद डेगवेकर की ओर से इस बात पर जोर दिया गया कि विकास यात्रा के दौरान सरकार ने भारतीय जनता पार्टी का प्रचार किया है। उन्होंने भाजपा के नेताओं के फोटो विज्ञापनों में छापे ,सरकारी आयोजन में भाजपा के नेता मंच पर बैठे रहे और सभा समारोह स्थल को भारतीय जनता पार्टी के झंडे-बैनर से पाट दिया गया।
याचिकाकर्ता के वकील ने इस मामले में अपराध दर्ज करने और विकास यात्रा पर रोक लगाने की मांग की थी। सरकार की ओर से मामले की पैरवी कर रहे एडवोकेट जनरल जुगल किशोर गिल्डा ने कहा कि इस याचिका का मकसद राजनीतिक है। जनहित का कोई भी मुद्दा इस याचिका में नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार यह मानती है कि सरकारी विज्ञापन में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक की फोटो सुप्रीम कोर्ट के नियमों का उल्लंघन है लेकिन भविष्य में ऐसा नहीं होगा इसका विश्वास सरकार की ओर से दिलाते हैं।
इस बहस के बाद कोर्ट ने कहा कि जब सरकार ने कहा कि भविष्य में इस तरह का कोई भी विज्ञापन जो सुप्रीम कोर्ट के नियमों का उल्लंघन करता है नहीं प्रकाशित किया जाएगा। अब इस याचिका में सुनवाई के लिए कुछ नहीं बचता है लिहाजा सुनवाई खत्म की जाती है। रायपुर के डॉ. अजीत आनन्द देगवेकर ने अवकाशकालीन न्यायाधीश के समक्ष एक जनहित याचिका दायर की थी। अवकाश समाप्त होने के बाद 18 जून को इस मामले को सुनवाई के लिए नियमित बेंच में रखा गया था, जिसे चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने सुना। सरकार से इस मामले में जवाब मांगा गया था।
विकास यात्रा का पहला चरण12 मई से 11 जून तक चला। दूसरा चरण 18 अगस्त से शुरू होगा, जो 18 सितंबर अथवा चुनाव आचार संहिता लागू होने तक चल सकता है। ज्ञात हो कि विकास यात्रा के पहले चरण में मुख्यमंत्री ने 65 विधानसभा क्षेत्रों का भ्रमण किया था, जिसमें 29,500 करोड़ रुपए के निर्माण कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया था। दूसरे चरण में शेष विधानसभा क्षेत्रों का दौरा किया जाएगा, जिसमें लोकार्पण, शिलान्यास के अलावा स्काई योजना के तहत मुफ्त मोबाइल फोन और किसानों को धान बोनस का वितरण किया जा सकता है।