उच्च न्यायालय के रजत जयंती समारोह में राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने हिस्सा लिया, न्याय व्यवस्था की उपलब्धियों पर हुई चर्चा

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने पर शनिवार को यहां भव्य रजत जयंती समारोह का आयोजन किया गया। उच्च न्यायालय परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में राज्यपाल रमेन डेका और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। समारोह की शुरुआत न्यायिक उत्सव के उद्घाटन से हुई, जिसमें न्यायपालिका की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं पर जोर दिया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने कहा, “पिछले 25 वर्षों में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने ऐतिहासिक सफलता हासिल की है। हमने मुकदमों की लंबी कतार को कम किया है और बुनियादी ढांचे में उल्लेखनीय सुधार किए हैं।” उन्होंने अदालत की प्रगति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह यात्रा राज्य के न्यायिक इतिहास का महत्वपूर्ण अध्याय है।

केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने अपने संबोधन में कहा, “पिछले 25 वर्षों में हमने आम लोगों तक न्याय पहुंचाने में सफलता पाई है। देश की न्याय व्यवस्था में जनता का विश्वास अटल है।” उन्होंने कहा कि यह समारोह न केवल उपलब्धियों का जश्न है, बल्कि आगे की चुनौतियों से निपटने का संकल्प भी है।

समारोह के दौरान एक स्मृति चिन्ह जारी किया गया। इसके अलावा, अतिथियों और उच्च न्यायालय के वकीलों के लिए भोज का आयोजन भी किया गया। कार्यक्रम में तेलंगाना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पी. सैम कोशी और छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश मनींद्र मोहन श्रीवास्तव भी मौजूद रहे। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल का आगमन अपेक्षित था, लेकिन वे किसी कारणवश शामिल नहीं हो सके।

यह समारोह छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की स्थापना (1 नवंबर 2000) के 25 वर्ष पूरे होने के अवसर पर रखा गया। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण यूट्यूब और उच्च न्यायालय की वेबसाइट पर किया गया, जिसे हजारों लोगों ने देखा। समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी रखे गए। हाईकोर्ट के सभी जज, न्यायिक अधिकारी, प्रदेश मंत्रिपरिषद् के सदस्य, अधिवक्ता संगठनों के पदाधिकारी तथा हाईकोर्ट के अधिवक्ता व आम लोग उपस्थित थे।

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