बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने बिलासपुर शहर की जर्जर सड़कों की स्थिति पर एक बार फिर कड़ा रुख अपनाया है। अदालत ने नगर निगम आयुक्त को निर्देश दिया है कि वे अपोलो अस्पताल जाने वाली सड़क सहित अन्य प्रमुख सड़कों के निर्माण कार्य की अद्यतन प्रगति रिपोर्ट शपथपत्र के रूप में पेश करें।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति विभु दत्त गुरु की खंडपीठ ने यह आदेश स्वप्रेरित जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान दिया। अदालत ने कहा कि सड़कों की खराब हालत आम नागरिकों की परेशानी बढ़ा रही है, खासकर तब जब अपोलो अस्पताल जैसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचना मुश्किल हो रहा है।

पीडब्ल्यूडी सचिव ने दी जानकारी

सुनवाई के दौरान लोक निर्माण विभाग के सचिव ने व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल किया। इसमें बताया गया कि गांधी चौक से तारवाहर तक सड़क निर्माण का ठेका 25 अगस्त 2025 को किशनचंद घनश्यामदास जदवानी को दिया गया है, और काम शुरू हो चुका है।
इसी तरह नेहरू चौक से दर्रीघाट तक सड़क के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। छह ठेकेदारों में से पांच को पात्र पाया गया है और दस्तावेज 7 अक्टूबर को मुख्य अभियंता को भेजे गए हैं।
मनियारी ब्रिज और आसपास की सड़कों की मरम्मत का ठेका 8 अक्टूबर को सौरभ मिश्रा को दिया गया है। अनुबंध पर हस्ताक्षर के बाद कार्य आरंभ होगा।

निगम आयुक्त ने दी सफाई

नगर निगम आयुक्त ने अपने शपथपत्र में कहा कि लगातार बारिश के कारण ब्लैकटापिंग (डामरीकरण) का काम शुरू नहीं किया जा सका। उन्होंने बताया कि दीवाली के कुछ दिनों बाद अपोलो रोड समेत शहर की अन्य सड़कों का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा और इसे जल्द पूरा करने का लक्ष्य है।

कोर्ट ने जताई चिंता

हाई कोर्ट ने कहा कि खराब सड़कों की वजह से नागरिकों के जीवन और स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। अदालत ने निगम आयुक्त को निर्देश दिया कि वे अगली सुनवाई से पहले कार्य की प्रगति, समयसीमा और भविष्य की योजना का विस्तृत विवरण देते हुए नया हलफनामा प्रस्तुत करें।

इस मामले की अगली सुनवाई 5 दिसंबर 2025 को निर्धारित की गई है, जिसमें अदालत अब तक की प्रगति की समीक्षा करेगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here